होशे 9:4 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20194 वे यहोवा के लिये दाखमधु का अर्घ न देंगे, और न उनके बलिदान उसको भाएँगे। उनकी रोटी शोक करनेवालों का सा भोजन ठहरेगी; जितने उसे खाएँगे सब अशुद्ध हो जाएँगे; क्योंकि उनकी भोजनवस्तु उनकी भूख बुझाने ही के लिये होगी; वह यहोवा के भवन में न आ सकेगी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल4 इस्राएल के निवासी यहोवा को दाखमधु का चढ़ावा नहीं चढ़ायेंगे। वे उसे बलियाँ अर्पित नहीं कर पायेंगे। ये बलियाँ उनके लिये विलाप करते हुए की राटी जैसी होंगी। जो इसे खाएंगे वैसे भी अपवित्र हो जाएंगे। यहोवा के मन्दिर में उनकी रोटी नहीं जा पायेगी। उनके पास बस उतनी सी ही रोटी होगी, जिससे वे मात्र जीवित रह पायेंगे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible4 वे यहोवा के लिये दाखमधु का अर्घ न देंगे, और न उनके बलिदान उसको भाएंगे। उनकी रोटी शोक करने वालों का सा भोजन ठहरेगी; जितने उसे खाएंगे सब अशुद्ध हो जाएंगे; क्योंकि उनकी भोजनवस्तु उनकी भूख बुझाने ही के लिये होगी; वह यहोवा के भवन में न आ सकेगी॥ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)4 इस्राएली लोग प्रभु को अंगूर-रस की पेयबलि न चढ़ा सकेंगे। वे प्रभु को अपने बलि-पशुओं से प्रसन्न न कर पाएंगे। उनकी रोटी शोक करनेवालों की रोटी बनेगी; जो व्यक्ति उसको खाएगा, वह अशुद्ध हो जाएगा। उनकी रोटी केवल भूख बुझाने के काम आएगी। उसे प्रभु के भवन में नहीं चढ़ाया जाएगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)4 वे यहोवा के लिये दाखमधु का अर्घ न देंगे, और न उनके बलिदान उसको भाएँगे। उनकी रोटी शोक करनेवालों का सा भोजन ठहरेगी; जितने उसे खाएँगे सब अशुद्ध हो जाएँगे; क्योंकि उनकी भोजनवस्तु उनकी भूख बुझाने ही के लिये होगी; वह यहोवा के भवन में न आ सकेगी। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल4 वे याहवेह को अंगूर की दाखमधु का पेय बलि नहीं देंगे, और न ही उनके बलिदान से परमेश्वर खुश होंगे. उस प्रकार का बलिदान उनके लिये शोक करनेवालों के रोटी जैसा है; वे सब जो उसे खाते हैं वे अशुद्ध हो जाएंगे. यह भोजन उनके स्वयं के लिये होगा; इसे याहवेह के मंदिर में नहीं लाया जाएगा. अध्याय देखें |
“बैल का बलि करनेवाला मनुष्य के मार डालनेवाले के समान है; जो भेड़ का चढ़ानेवाला है वह उसके समान है जो कुत्ते का गला काटता है; जो अन्नबलि चढ़ाता है वह मानो सूअर का लहू चढ़ानेवाले के समान है; और जो लोबान जलाता है, वह उसके समान है जो मूरत को धन्य कहता है। इन सभी ने अपना-अपना मार्ग चुन लिया है, और घिनौनी वस्तुओं से उनके मन प्रसन्न होते हैं।