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सभोपदेशक 10:14 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

14 मूर्ख बहुत बातें बढ़ाकर बोलता है, तो भी कोई मनुष्य नहीं जानता कि क्या होगा, और कौन बता सकता है कि उसके बाद क्या होनेवाला है?

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पवित्र बाइबल

14 एक मूर्ख व्यक्ति हर समय जो उसे करना होता है, उसी की बातें करता रहता है। किन्तु भविष्य में क्या होगा यह तो कोई नहीं जानता। भविष्य में क्या होने जा रहा है, यह तो कोई बता नहीं सकता।

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Hindi Holy Bible

14 मूर्ख बहुत बातें बढ़ा कर बोलता है, तौभी कोई मनुष्य नहीं जानता कि क्या होगा, और कौन बता सकता है कि उसके बाद क्या होने वाला है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 मूर्ख मनुष्‍य एक बात की दो बातें बनाता है, यद्यपि कोई नहीं जानता है कि भविष्‍य में क्‍या होनेवाला है; उसे कौन बता सकता है कि उसकी मृत्‍यु के बाद क्‍या होगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 मूर्ख बहुत बातें बढ़ा कर बोलता है, तौभी कोई मनुष्य नहीं जानता कि क्या होगा, और कौन बता सकता है कि उसके बाद क्या होनेवाला है?

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नवीन हिंदी बाइबल

14 मूर्ख बातें बढ़ाकर बोलता है। कोई मनुष्य नहीं जानता कि कल क्या होगा, और न ही कोई यह बता सकता है कि उसके बाद क्या होने वाला है।

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सभोपदेशक 10:14
13 क्रॉस रेफरेंस  

और वह अपने पाप में विरोध बढ़ाता है; और हमारे बीच ताली बजाता है, और परमेश्वर के विरुद्ध बहुत सी बातें बनाता है।”


इस कारण अय्यूब व्यर्थ मुँह खोलकर अज्ञानता की बातें बहुत बनाता है।”


जहाँ बहुत बातें होती हैं, वहाँ अपराध भी होता है, परन्तु जो अपने मुँह को बन्द रखता है वह बुद्धि से काम करता है।


बुद्धिमान ज्ञान का ठीक बखान करते हैं, परन्तु मूर्खों के मुँह से मूर्खता उबल आती है।


मूर्ख को परिश्रम से थकावट ही होती है, यहाँ तक कि वह नहीं जानता कि नगर को कैसे जाए।


अतः मैंने यह देखा कि इससे अधिक कुछ अच्छा नहीं कि मनुष्य अपने कामों में आनन्दित रहे, क्योंकि उसका भाग यही है; कौन उसके पीछे होनेवाली बातों को देखने के लिये उसको लौटा लाएगा?


क्योंकि जैसे कार्य की अधिकता के कारण स्वप्न देखा जाता है, वैसे ही बहुत सी बातों का बोलनेवाला मूर्ख ठहरता है।


क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाई के समान बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद सूर्य के नीचे क्या होगा?


सुख के दिन सुख मान, और दुःख के दिन सोच; क्योंकि परमेश्वर ने दोनों को एक ही संग रखा है, जिससे मनुष्य अपने बाद होनेवाली किसी बात को न समझ सके।


वह नहीं जानता कि क्या होनेवाला है, और कब होगा? यह उसको कौन बता सकता है?


यह सब कुछ मैंने मन लगाकर विचारा कि इन सब बातों का भेद पाऊँ, कि किस प्रकार धर्मी और बुद्धिमान लोग और उनके काम परमेश्वर के हाथ में हैं; मनुष्य के आगे सब प्रकार की बातें हैं परन्तु वह नहीं जानता कि वह प्रेम है या बैर।


तुम ने अपने मुँह से मेरे विरुद्ध बड़ाई मारी, और मेरे विरुद्ध बहुत बातें कही हैं; इसे मैंने सुना है।


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