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विलापगीत 4:10 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

10 दयालु स्त्रियों ने अपने ही हाथों से अपने बच्चों को पकाया है; मेरे लोगों के विनाश के समय वे ही उनका आहार बन गए।

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पवित्र बाइबल

10 उन दिनों ऐसी स्त्रियों ने भी जो बहुत अच्छी हुआ करती थी, अपने ही बच्चों के मांस को पकाया था। वे बच्चे अपनी ही माँओं का आहार बने। ऐसा तब हुआ था जब मेरे लोगों का विनाश हुआ था।

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Hindi Holy Bible

10 दयालु स्त्रियों ने अपने ही हाथों से अपने बच्चों को पकाया है; मेरे लोगों के विनाश के समय वे ही उनका आहार बन गए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 दयालु मांओं ने अपने ही हाथों से अपने बच्‍चों को पकाया! मेरे अपने लोगों की नगरी के विनाश के समय ये बच्‍चे अपनी मांओं का आहार बन गए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 दयालु स्त्रियों ने अपने ही हाथों से अपने बच्‍चों को पकाया है; मेरे लोगों के विनाश के समय वे ही उनका आहार बन गए।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 ये उन करुणामयी माताओं के ही हाथ थे, जिन्होंने अपनी ही संतान को अपना आहार बना लिया, जब मेरी प्रजा की पुत्री विनाश के काल में थी ये बालक उनका आहार बनाए गए थे.

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विलापगीत 4:10
12 क्रॉस रेफरेंस  

हे यहोवा दृष्टि कर, और ध्यान से देख कि तूने यह सब दुःख किसको दिया है? क्या स्त्रियाँ अपना फल अर्थात् अपनी गोद के बच्चों को खा डालें? हे प्रभु, क्या याजक और भविष्यद्वक्ता तेरे पवित्रस्थान में घात किए जाएँ?


“क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूध पीते बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हाँ, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता।


और घिर जाने और उस सकेती के समय जिसमें उनके प्राण के शत्रु उन्हें डाल देंगे, मैं उनके बेटे-बेटियों का माँस उन्हें खिलाऊँगा और एक दूसरे का भी माँस खिलाऊँगा।’


इसलिए तेरे बीच बच्चे अपने-अपने बाप का, और बाप अपने-अपने बच्चों का माँस खाएँगे; और मैं तुझको दण्ड दूँगा,


गीदड़िन भी अपने बच्चों को थन से लगाकर पिलाती है, परन्तु मेरे लोगों की बेटी वन के शुतुर्मुर्गों के तुल्य निर्दयी हो गई है।


मेरी आँखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएँ बह रही है।


और तुम को अपने बेटों और बेटियों का माँस खाना पड़ेगा।


चौथे महीने के नौवें दिन से नगर में अकाल यहाँ तक बढ़ गई, कि देश के लोगों के लिये कुछ खाने को न रहा।


मेरी आँखें आँसू बहाते-बहाते धुँधली पड़ गई हैं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठी जाती हैं; मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण मेरा कलेजा फट गया है, क्योंकि बच्चे वरन् दूध-पीते बच्चे भी नगर के चौकों में मूर्छित होते हैं।


हे कोलाहल और ऊधम से भरी प्रसन्न नगरी? तुझ में जो मारे गए हैं वे न तो तलवार से और न लड़ाई में मारे गए हैं।


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