यिर्मयाह 6:26 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019
26 हे मेरी प्रजा कमर में टाट बाँध, और राख में लोट; जैसा एकलौते पुत्र के लिये विलाप होता है वैसा ही बड़ा शोकमय विलाप कर; क्योंकि नाश करनेवाला हम पर अचानक आ पड़ेगा।
26 हे मेरे लोगों, टाट के वस्त्र पहन लो। राख में लोट लगा लो। मरे लोगों के लिए फूट—फूट कर रोओ। तुम एकमात्र पुत्र के खोने पर रोने सा रोओ। ये सब करो क्योंकि विनाशक अति शीघ्रता से हमारे विरुद्ध आएंगे।
26 हे मेरी प्रजा कमर में टाट बान्ध, और राख में लोट; जैसा एकलौते पुत्र के लिये विलाप होता है वैसा ही बड़ा शोकमय विलाप कर; क्योंकि नाश करने वाला हम पर अचानक आ पड़ेगा।
26 ओ मेरे नगर के निवासियो! पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्त्र पहनो और राख में लोटो! जैसे इकलौती संतान के निधन पर हृदय को चीरनेवाला विलाप होता है, वैसा ही शोर मचाओ! क्योंकि अचानक ही महाविनाशक हम पर टूट पड़नेवाला है।
26 हे मेरी प्रजा कमर में टाट बाँध, और राख में लोट; जैसा एकलौते पुत्र के लिये विलाप होता है वैसा ही बड़ा शोकमय विलाप कर; क्योंकि नाश करनेवाला हम पर अचानक आ पड़ेगा।
26 अतः मेरी पुत्री, मेरी प्रजा, शोक-वस्त्र धारण करो, भस्म में लोटो; तुम्हारा शोक वैसा ही हो जैसा उसका होता है जिसने अपना एकमात्र पुत्र खो दिया है, अत्यंत गहन शोक, क्योंकि हम पर विनाशक का आक्रमण सहसा ही होगा.
“मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेधा है, और उसके लिये ऐसे रोएँगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते-पीटते हैं, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहलौठे के लिये करते हैं। (यूह. 19:37, मत्ती 24:30, प्रका. 1:7)
जब वह नगर के फाटक के पास पहुँचा, तो देखो, लोग एक मुर्दे को बाहर लिए जा रहे थे; जो अपनी माँ का एकलौता पुत्र था, और वह विधवा थी: और नगर के बहुत से लोग उसके साथ थे।
मैं तुम्हारे पर्वों के उत्सव को दूर करके विलाप कराऊँगा, और तुम्हारे सब गीतों को दूर करके विलाप के गीत गवाऊँगा; मैं तुम सब की कमर में टाट बँधाऊँगा, और तुम सब के सिरों को मुँण्डाऊँगा; और ऐसा विलाप कराऊँगा जैसा एकलौते के लिये होता है, और उसका अन्त कठिन दुःख के दिन का सा होगा।”
मेरी आँखें आँसू बहाते-बहाते धुँधली पड़ गई हैं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठी जाती हैं; मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण मेरा कलेजा फट गया है, क्योंकि बच्चे वरन् दूध-पीते बच्चे भी नगर के चौकों में मूर्छित होते हैं।
इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आँखों से आँसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझसे दूर हो गया; मेरे बच्चे अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।
रात को वह फूट फूटकर रोती है, उसके आँसू गालों पर ढलकते हैं; उसके सब यारों में से अब कोई उसे शान्ति नहीं देता; उसके सब मित्रों ने उससे विश्वासघात किया, और उसके शत्रु बन गए हैं।
उनकी विधवाएँ मेरे देखने में समुद्र के रेतकणों से अधिक हो गई हैं; उनके जवानों की माताओं के विरुद्ध दुपहरी ही को मैंने लुटेरों को ठहराया है; मैंने उनको अचानक संकट में डाल दिया और घबरा दिया है।
पर यदि तुम इसे न सुनो, तो मैं अकेले में तुम्हारे गर्व के कारण रोऊँगा, और मेरी आँखों से आँसुओं की धारा बहती रहेगी, क्योंकि यहोवा की भेड़ें बँधुआ कर ली गई हैं।
जंगल के सब मुंडे टीलों पर नाश करनेवाले चढ़ आए हैं; क्योंकि यहोवा की तलवार देश के एक छोर से लेकर दूसरी छोर तक निगलती जाती है; किसी मनुष्य को शान्ति नहीं मिलती।
“मैं पहाड़ों के लिये रो उठूँगा और शोक का गीत गाऊँगा, और जंगल की चराइयों के लिये विलाप का गीत गाऊँगा, क्योंकि वे ऐसे जल गए हैं कि कोई उनमें से होकर नहीं चलता, और उनमें पशुओं का शब्द भी नहीं सुनाई पड़ता; पशु-पक्षी सब भाग गए हैं।
मुझे अपने लोगों की चिल्लाहट दूर के देश से सुनाई देती है: “क्या यहोवा सिय्योन में नहीं हैं? क्या उसका राजा उसमें नहीं?” “उन्होंने क्यों मुझ को अपनी खोदी हुई मूरतों और परदेश की व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा क्रोध दिलाया है?”
उस समय तेरी इस प्रजा से और यरूशलेम से भी कहा जाएगा, “जंगल के मुँण्ड़े टीलों पर से प्रजा के लोगों की ओर लू बह रही है, वह ऐसी वायु नहीं जिससे ओसाना या फरछाना हो,
और आप उससे तीर भर के टप्पे पर दूर जाकर उसके सामने यह सोचकर बैठ गई, “मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े।” तब वह उसके सामने बैठी हुई चिल्ला चिल्लाकर रोने लगी।
सुगन्ध के बदले सड़ाहट, सुन्दर करधनी के बदले बन्धन की रस्सी, गूँथे हुए बालों के बदले गंजापन, सुन्दर पटुके के बदले टाट की पेटी, और सुन्दरता के बदले दाग होंगे।