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यिर्मयाह 32:23 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

23 तो भी उन्होंने तेरी नहीं मानी, और न तेरी व्यवस्था पर चले; वरन् जो कुछ तूने उनको करने की आज्ञा दी थी, उसमें से उन्होंने कुछ भी नहीं किया। इस कारण तूने उन पर यह सब विपत्ति डाली है।

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पवित्र बाइबल

23 इस्राएल के लोग इस धरती में आये और उन्होंने इसे अपना बना लिया। किन्तु उन लोगों ने तेरी आज्ञा नहीं मानी। वे तेरे उपदेशों के अनुसार न चले। उन्होंने वह नहीं किया जिसके लिये तूने आदेश दिया। अत: तूने इस्राएल के लोगों पर वे भयंकर विपत्तियाँ ढाई।

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Hindi Holy Bible

23 तौभी उन्होंने तेरी नहीं मानी, और न तेरी व्यवस्था पर चले; वरन जो कुछ तू ने उन को करने की आज्ञा दी थी, उस में से उन्होंने कुछ भी नहीं किया। इस कारण तू ने उन पर यह सब विपत्ति डाली है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

23 वे मिस्र देश से इस देश में आए। उन्‍होंने इस देश में प्रवेश किया, और इस पर अधिकार कर लिया। ‘किन्‍तु उन्‍होंने तेरी वाणी नहीं सुनी, और तेरी व्‍यवस्‍था के अनुसार आचरण नहीं किया। उन्‍होंने वे कार्य नहीं किये जिनको करने का आदेश तूने उनको दिया था। अत: तूने यह विपत्ति उन पर ढाही।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

23 तौभी उन्होंने तेरी नहीं मानी, और न तेरी व्यवस्था पर चले; वरन् जो कुछ तू ने उनको करने की आज्ञा दी थी, उसमें से उन्होंने कुछ भी नहीं किया। इस कारण तू ने उन पर यह सब विपत्ति डाली है।

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सरल हिन्दी बाइबल

23 उन्होंने आकर इस पर अधिकार तो कर लिया, किंतु उन्होंने न तो आपके आदेशों का पालन ही किया और न ही आपके व्यवस्था-विधान का अनुकरण; आपके द्वारा उन्हें जो सारे आदेश दिए गए थे, उन्होंने उनमें से किसी का भी अनुकरण नहीं किया है. यही कारण है, कि आपने उन पर यह विपत्ति आने दी है.

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यिर्मयाह 32:23
32 क्रॉस रेफरेंस  

अपने पुरखाओं के दिनों से लेकर आज के दिन तक हम बड़े दोषी हैं, और अपने अधर्म के कामों के कारण हम अपने राजाओं और याजकों समेत देश-देश के राजाओं के हाथ में किए गए कि तलवार, दासत्व, लूटे जाने, और मुँह काला हो जाने की विपत्तियों में पड़ें, जैसे कि आज हमारी दशा है।


और उनकी भूख मिटाने को आकाश से उन्हें भोजन दिया और उनकी प्यास बुझाने को चट्टान में से उनके लिये पानी निकाला, और उन्हें आज्ञा दी कि जिस देश को तुम्हें देने की मैंने शपथ खाई है उसके अधिकारी होने को तुम उसमें जाओ। (यूह. 6:31)


उन्होंने परमेश्वर की वाचा पूरी नहीं की, और उसकी व्यवस्था पर चलने से इन्कार किया।


और मैं तुम को इस उपजाऊ देश में ले आया कि उसका फल और उत्तम उपज खाओ; परन्तु मेरे इस देश में आकर तुम ने इसे अशुद्ध किया, और मेरे इस निज भाग को घृणित कर दिया है।


इसलिए तू उनसे कह, ‘यहोवा यह कहता है: यदि तुम मेरी सुनकर मेरी व्यवस्था के अनुसार जो मैंने तुम को सुनवा दी है न चलो,


आज के दिन तक उनका मन चूर नहीं हुआ और न वे डरते हैं; और न मेरी उस व्यवस्था और उन विधियों पर चलते हैं जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को और तुम को भी सुनवाई हैं।


परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयाँ की हैं।


यहोवा सच्चाई पर है, क्योंकि मैंने उसकी आज्ञा का उल्लंघन किया है; हे सब लोगों, सुनो, और मेरी पीड़ा को देखो! मेरे कुमार और कुमारियाँ बँधुआई में चली गई हैं।


यरूशलेम ने बड़ा पाप किया, इसलिए वह अशुद्ध स्त्री सी हो गई है; जितने उसका आदर करते थे वे उसका निरादर करते हैं, क्योंकि उन्होंने उसकी नंगाई देखी है; हाँ, वह कराहती हुई मुँह फेर लेती है।


“फिर मैंने जंगल में उनकी सन्तान से कहा, अपने पुरखाओं की विधियों पर न चलो, न उनकी रीतियों को मानो और न उनकी मूरतें पूजकर अपने को अशुद्ध करो।


परन्तु उनकी सन्तान ने भी मुझसे बलवा किया; वे मेरी विधियों पर न चले, न मेरे नियमों के मानने में चौकसी की; जिन्हें यदि मनुष्य माने तो वह उनके कारण जीवित रहेगा; मेरे विश्रामदिनों को उन्होंने अपवित्र किया। “तब मैंने कहा, मैं जंगल में उन पर अपनी जलजलाहट भड़काकर अपना कोप दिखलाऊँगा।


परन्तु वे मुझसे बिगड़ गए और मेरी सुननी न चाही; जिन घिनौनी वस्तुओं पर उनकी आँखें लगी थीं, उनको किसी ने फेंका नहीं, और न मिस्र की मूरतों को छोड़ा। “तब मैंने कहा, मैं यहीं, मिस्र देश के बीच तुम पर अपनी जलजलाहट भड़काऊँगा। और पूरा कोप दिखाऊँगा।


इसी रीति से तुम भी, जब उन सब कामों को कर चुके हो जिसकी आज्ञा तुम्हें दी गई थी, तो कहो, ‘हम निकम्मे दास हैं; कि जो हमें करना चाहिए था वही किया है।’”


जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूँ, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो।


अतः जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के अधीन हैं, क्योंकि लिखा है, “जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।” (याकू. 2:10,12, व्यव. 27:26)


क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।


इस प्रकार यहोवा ने इस्राएलियों को वह सारा देश दिया, जिसे उसने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर देने को कहा था; और वे उसके अधिकारी होकर उसमें बस गए।


जब तुम उस वाचा को, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को आज्ञा देकर अपने साथ बन्धाया है, उल्लंघन करके पराए देवताओं की उपासना और उनको दण्डवत् करने लगो, तब यहोवा का कोप तुम पर भड़केगा, और तुम इस अच्छे देश में से जिसे उसने तुम को दिया है शीघ्र नष्ट हो जाओगे।”


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