यशायाह 58:6 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20196 “जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ, वह क्या यह नहीं, कि, अन्याय से बनाए हुए दासों, और अंधेर सहनेवालों का जूआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना, और, सब जूओं को टुकड़े-टुकड़े कर देना? (लूका 4:18,19, नीति. 21:3, याकू. 1:27) अध्याय देखेंपवित्र बाइबल6 “मैं तुम्हें बताऊँगा कि मुझे कैसा विशेष दिन चाहिये—एक ऐसा दिन जब लोगों को आज़ाद किया जाये। मुझे एक ऐसा दिन चाहिये जब तुम लोगों के बोझ को उन से दूर कर दो। मैं एक ऐसा दिन चाहता हूँ जब तुम दु:खी लोगों को आज़ाद कर दो। मुझे एक ऐसा दिन चाहिये जब तुम उनके कंधों से भार उतार दो। अध्याय देखेंHindi Holy Bible6 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह क्या यह नहीं, कि, अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहने वालों का जुआ तोड़कर उन को छुड़ा लेना, और, सब जुओं को टूकड़े टूकड़े कर देना? अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)6 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह यह है : दुर्जनता के बन्धकों से मनुष्य को मुक्त करना, व्यक्ति की गरदन से जूआ उतारना, अत्याचार की गुलामी में कैद इन्सान को स्वतन्त्र करना, वस्तुत: हर प्रकार की गुलामी से मनुष्य को स्वतंत्र करना। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)6 “जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ, वह क्या यह नहीं, कि अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालों का जूआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना, और सब जूओं को टुकड़े टुकड़े कर देना? अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल6 “क्या यही वह उपवास नहीं, जो मुझे खुशी देता है: वह अंधेर सहने के बंधन को तोड़ दे, जूए उतार फेंके और उनको छुड़ा लिया जाए? अध्याय देखें |