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यशायाह 58:5 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

5 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ अर्थात् जिसमें मनुष्य स्वयं को दीन करे, क्या तुम इस प्रकार करते हो? क्या सिर को झाऊ के समान झुकाना, अपने नीचे टाट बिछाना, और राख फैलाने ही को तुम उपवास और यहोवा को प्रसन्न करने का दिन कहते हो? (मत्ती 6:16, जक. 7:5)

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पवित्र बाइबल

5 तुम क्या यह सोचते हो कि भोजन नहीं करने के उन विशेष दिनों में बस मैं लोगों को अपने शरीरों को दु:ख देते देखना चाहता हूँ क्या तुम ऐसा सोचते हो कि मैं लोगों को दु:खी देखना चाहता हूँ क्या तुम यह सोचते हो कि मैं लोगों को मुरझाये हुए पौधों के समान सिर लटकाये और शोक वस्त्र पहनते देखना चाहता हूँ क्या तुम यह सोचते हो कि मैं लोगों को अपना दु:ख प्रकट करने के लिये राख में बैठे देखना चाहता हूँ यही तो वह सब कुछ है जो तुम खाना न खाने के दिनों में करते हो। क्या तुम ऐसा सोचते हो कि यहोवा तुमसे बस यही चाहता है

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Hindi Holy Bible

5 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं अर्थात जिस में मनुष्य स्वयं को दीन करे, क्या तुम इस प्रकार करते हो? क्या सिर को झाऊ की नाईं झुकाना, अपने नीचे टाट बिछाना, और राख फैलाने ही को तुम उपवास और यहोवा को प्रसन्न करने का दिन कहते हो?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 क्‍या मैं ऐसे उपवास से प्रसन्न होता हूं? क्‍या इस दिन उपवास करनेवाले व्यक्‍ति को अपने प्राण को कष्‍ट नहीं देना चाहिए? क्‍या सिर को झाऊ वृक्ष की तरह झुकाना, अपने नीचे राख और टाट-वस्‍त्र बिछाना, उपवास कहलाता है? क्‍या तुम इसको उपवास कहते हो? क्‍या ऐसा उपवास का दिन मुझे स्‍वीकार होगा?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ अर्थात् जिस में मनुष्य स्वयं को दीन करे, क्या तुम इस प्रकार करते हो? क्या सिर को झाऊ के समान झुकाना, अपने नीचे टाट बिछाना, और राख फैलाने ही को तुम उपवास और यहोवा को प्रसन्न करने का दिन कहते हो?

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सरल हिन्दी बाइबल

5 क्या ऐसा होता है उपवास, जो कोई स्वयं को दीन बनाए? या कोई सिर झुकाए या टाट एवं राख फैलाकर बैठे? क्या इसे ही तुम उपवास कहोगे, क्या ऐसा उपवास याहवेह ग्रहण करेंगे?

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यशायाह 58:5
22 क्रॉस रेफरेंस  

“सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पाँचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?


कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूँ; कि सब विलाप करनेवालों को शान्ति दूँ। (लूका 4:18,19, मत्ती 5:4)


यहोवा यह कहता है, “अपनी प्रसन्नता के समय मैंने तेरी सुन ली, उद्धार करने के दिन मैंने तेरी सहायता की है; मैं तेरी रक्षा करके तुझे लोगों के लिये एक वाचा ठहराऊँगा, ताकि देश को स्थिर करे और उजड़े हुए स्थानों को उनके अधिकारियों के हाथ में दे दे; और बन्दियों से कहे, ‘बन्दीगृह से निकल आओ;’ (भज. 69:13, 2 कुरि. 6:2)


तुम भी आप जीविते पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो, जिससे याजकों का पवित्र समाज बनकर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्रहणयोग्य हो।


और इस संसार के सदृश्य न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।


और प्रभु के प्रसन्न रहने के वर्ष का प्रचार करूँ।”


परन्तु हे यहोवा, मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता के समय में हो रही है; हे परमेश्वर अपनी करुणा की बहुतायात से, और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार मेरी सुन ले।


“तू जाकर शूशन के सब यहूदियों को इकट्ठा कर, और तुम सब मिलकर मेरे निमित्त उपवास करो, तीन दिन-रात न तो कुछ खाओ, और न कुछ पीओ। और मैं भी अपनी सहेलियों सहित उसी रीति उपवास करूँगी। और ऐसी ही दशा में मैं नियम के विरुद्ध राजा के पास भीतर जाऊँगी; और यदि नाश हो गई तो हो गई।”


तब यहोशापात डर गया और यहोवा की खोज में लग गया, और पूरे यहूदा में उपवास का प्रचार करवाया।


“तुम लोगों के लिये यह सदा की विधि होगी कि सातवें महीने के दसवें दिन को तुम उपवास करना, और उस दिन कोई, चाहे वह तुम्हारे निज देश का हो चाहे तुम्हारे बीच रहनेवाला कोई परदेशी हो, कोई भी किसी प्रकार का काम-काज न करे;


वे कहते हैं, ‘क्या कारण है कि हमने तो उपवास रखा, परन्तु तूने इसकी सुधि नहीं ली? हमने दुःख उठाया, परन्तु तूने कुछ ध्यान नहीं दिया?’ सुनो, उपवास के दिन तुम अपनी ही इच्छा पूरी करते हो और अपने सेवकों से कठिन कामों को कराते हो।


तब अय्यूब खुजलाने के लिये एक ठीकरा लेकर राख पर बैठ गया।


एक-एक प्रान्त में, जहाँ-जहाँ राजा की आज्ञा और नियम पहुँचा, वहाँ-वहाँ यहूदी बड़ा विलाप करने और उपवास करने और रोने पीटने लगे; वरन् बहुत से टाट पहने और राख डाले हुए पड़े रहे।


तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र यहोहानान की कोठरी में गया, और वहाँ पहुँचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बँधुआई में से निकल आए हुओं के विश्वासघात के कारण शोक करता रहा।


उस स्त्री की ये बातें सुनते ही, राजा ने अपने वस्त्र फाड़े (वह तो शहरपनाह पर टहल रहा था), जब लोगों ने देखा, तब उनको यह देख पड़ा कि वह भीतर अपनी देह पर टाट पहने है।


“जब तुम उपवास करो, तो कपटियों के समान तुम्हारे मुँह पर उदासी न छाई रहे, क्योंकि वे अपना मुँह बनाए रहते हैं, ताकि लोग उन्हें उपवासी जानें। मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।


यह तुम्हारे लिये परमविश्राम का दिन ठहरे, और तुम उस दिन उपवास करना और किसी प्रकार का काम-काज न करना; यह सदा की विधि है।


तब मैंने वहाँ अर्थात् अहवा नदी के तट पर उपवास का प्रचार इस आशय से किया, कि हम परमेश्वर के सामने दीन हों; और उससे अपने और अपने बाल-बच्चों और अपनी समस्त सम्पत्ति के लिये सरल यात्रा माँगे।


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