यशायाह 55:10 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201910 “जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहाँ ऐसे ही लौट नहीं जाते, वरन् भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोनेवाले को बीज और खानेवाले को रोटी मिलती है, (2 कुरि. 9:10) अध्याय देखेंपवित्र बाइबल10 “आकाश से वर्षा और हिम गिरा करते हैं और वे फिर वहीं नहीं लौट जाते जब तक वे धरती को नहीं छू लेते हैं और धरती को गीला नहीं कर देते हैं। फिर धरती पौधों को अंकुरित करती है और उनको बढ़ाती है और वे पौधे किसानों के लिये बीज को उपजाते हैं और लोग उन बीजों से खाने के लिये रोटियाँ बनाते हैं। अध्याय देखेंHindi Holy Bible10 जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी मिलती है, अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)10 ‘आकाश से हिम गिरता है, और वर्षा की बूंदे टपकती हैं; वे लौटकर आकाश को नहीं जातीं, वरन् पृथ्वी पर भूमि को सींचती हैं। वे अन्न को उपजाती हैं; और बोनेवाले को बीज और खानेवाले को भोजन प्राप्त होता है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)10 “जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहाँ यों ही लौट नहीं जाते, वरन् भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोनेवाले को बीज और खानेवाले को रोटी मिलती है, अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल10 क्योंकि जिस प्रकार बारिश और ओस आकाश से गिरकर भूमि को सींचते हैं, जिससे बोने वाले को बीज, और खानेवाले को रोटी मिलती है, अध्याय देखें |