भजन संहिता 53:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20191 मूर्ख ने अपने मन में कहा, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल1 बस एक मूर्ख ही ऐसे सोचता है कि परमेश्वर नहीं होता। ऐसे मनुष्य भ्रष्ट, दुष्ट, द्वेषपूर्ण होते हैं। वे कोई अच्छा काम नहीं करते। अध्याय देखेंHindi Holy Bible1 मूढ़ ने अपने मन में कहा है, कि कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं॥ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)1 मूर्ख अपने हृदय में यह कहते हैं: “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हो गए हैं, वे अन्याय के घृणास्पद कार्य करते हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)1 मूढ़ ने अपने मन में कहा, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल1 मूर्ख अपने मन में कहता है, “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हैं, और अधर्म के घृणित कार्य करते हैं। ऐसा कोई नहीं जो भलाई करता हो। अध्याय देखें |