भजन संहिता 42:5 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20195 हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूँगा। (मत्ती 26:38, मर. 14:34, यूह. 12:27) अध्याय देखेंपवित्र बाइबल5-6 मैं इतना दुखी क्यों हूँ? मैं इतना व्याकुल क्यों हूँ? मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए। मुझे अब भी उसकी स्तुति का अवसर मिलेगा। वह मुझे बचाएगा। हे मेरे परमेश्वर, मैं अति दुखी हूँ। इसलिए मैंने तुझे यरदन की घाटी में, हेर्मोन की पहाड़ी पर और मिसगार के पर्वत पर से पुकारा। अध्याय देखेंHindi Holy Bible5 हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा॥ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)5 ओ मेरे प्राण, तू क्यों व्याकुल है? क्यों तू हृदय में अशांत है? ओ मेरे प्राण, तू परमेश्वर की आशा कर; मैं अपने उद्धार को, अपने परमेश्वर को पुन: सराहूंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)5 हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूँगा। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल5 हे मेरे मन, तू निराश क्यों है? तू भीतर ही भीतर व्याकुल क्यों है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; मैं तो उसकी स्तुति करूँगा जो मेरा उद्धारकर्ता और मेरा परमेश्वर है। अध्याय देखें |