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भजन संहिता 120:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 संकट के समय मैंने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।

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पवित्र बाइबल

1 मैं संकट में पड़ा था, सहारा पाने के लिए मैंने यहोवा को पुकारा और उसने मुझे बचा लिया।

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Hindi Holy Bible

1 संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 अपने संकट में मैंने प्रभु को पुकारा कि वह मुझे उत्तर दे;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।

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नवीन हिंदी बाइबल

1 मैंने संकट के समय यहोवा को पुकारा, और उसने मुझे उत्तर दिया।

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भजन संहिता 120:1
31 क्रॉस रेफरेंस  

मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझसे न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूँ, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले!


तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने सकेती से उनका उद्धार किया;


मैंने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुनकर, मुझे चौड़े स्थान में पहुँचाया।


मैं अपनी आँखें पर्वतों की ओर उठाऊँगा। मुझे सहायता कहाँ से मिलेगी?


जब लोगों ने मुझसे कहा, “आओ, हम यहोवा के भवन को चलें,” तब मैं आनन्दित हुआ।


हे स्वर्ग में विराजमान मैं अपनी आँखें तेरी ओर उठाता हूँ!


इस्राएल यह कहे, कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,


जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, जो टलता नहीं, वरन् सदा बना रहता है।


जब यहोवा सिय्योन में लौटनेवालों को लौटा ले आया, तब हम स्वप्न देखनेवाले से हो गए।


यदि घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनानेवालों का परिश्रम व्यर्थ होगा। यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे, तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा।


क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके मार्गों पर चलता है!


इस्राएल अब यह कहे, “मेरे बचपन से लोग मुझे बार बार क्लेश देते आए हैं,


हे यहोवा, मैंने गहरे स्थानों में से तुझको पुकारा है!


हे यहोवा, न तो मेरा मन गर्व से और न मेरी दृष्टि घमण्ड से भरी है; और जो बातें बड़ी और मेरे लिये अधिक कठिन हैं, उनसे मैं काम नहीं रखता।


हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर;


देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!


हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात-रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो, यहोवा को धन्य कहो। (प्रका. 19:5)


अपने संकट में मैंने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैंने अपने परमेश्वर की दुहाई दी। और उसने अपने मन्दिर में से मेरी वाणी सुनी। और मेरी दुहाई उसके पास पहुँचकर उसके कानों में पड़ी।


और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊँगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा।”


धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का उद्धार दिखाऊँगा!” (इब्रा. 13:15)


“मैंने संकट में पड़े हुए यहोवा की दुहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तूने मेरी सुन ली।


तूने मुझे गहरे सागर में समुद्र की थाह तक डाल दिया; और मैं धाराओं के बीच में पड़ा था, तेरी सब तरंग और लहरें मेरे ऊपर से बह गईं।


और वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी-बड़ी बूँदों के समान भूमि पर गिर रहा था।


यीशु ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊँचे शब्द से पुकार पुकारकर, और आँसू बहा-बहाकर उससे जो उसको मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएँ और विनती की और भक्ति के कारण उसकी सुनी गई।


तब हन्ना गर्भवती हुई और समय पर उसके एक पुत्र हुआ, और उसका नाम शमूएल रखा, क्योंकि वह कहने लगी, “मैंने यहोवा से माँगकर इसे पाया है।”


यह वही बालक है जिसके लिये मैंने प्रार्थना की थी; और यहोवा ने मुझे मुँह माँगा वर दिया है।


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