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उत्पत्ति 41:52 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

52 दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि ‘मुझे दुःख भोगने के देश में परमेश्वर ने फलवन्त किया है।’

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पवित्र बाइबल

52 यूसुफ ने दूसरे पुत्र का नाम एप्रैम रखा। यूसुफ ने उसका नाम यह रखा क्योंकि उसने बताया, “मुझे बहुत दुःख मिला, लेकिन परमेश्वर ने मुझे फुलाया—फलाया।”

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Hindi Holy Bible

52 और दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि मुझे दु:ख भोगने के देश में परमेश्वर ने फुलाया फलाया है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

52 उसने दूसरे पुत्र का नाम ‘एफ्रइम’ रखा, क्‍योंकि वह कहता था, ‘परमेश्‍वर ने मुझे उस देश में फलवन्‍त किया है, जहाँ मुझे विपत्तियाँ झेलनी पड़ी थीं।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

52 दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि ‘मुझे दु:ख भोगने के देश में परमेश्‍वर ने फलवन्त किया है।’

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नवीन हिंदी बाइबल

52 दूसरे पुत्र का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, “परमेश्‍वर ने मेरे कष्‍टों के देश में मुझे फलवंत किया है।”

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उत्पत्ति 41:52
21 क्रॉस रेफरेंस  

यूसुफ बलवन्त लता की एक शाखा है, वह सोते के पास लगी हुई फलवन्त लता की एक शाखा है; उसकी डालियाँ दीवार पर से चढ़कर फैल जाती हैं।


और यूसुफ एप्रैम के परपोतों तक को देखने पाया और मनश्शे के पोते, जो माकीर के पुत्र थे, वे उत्पन्न हुए और यूसुफ ने उन्हें गोद में लिया।


मैं तुझे अत्यन्त फलवन्त करूँगा, और तुझको जाति-जाति का मूल बना दूँगा, और तेरे वंश में राजा उत्पन्न होंगे।


सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुझे आशीष दे, और फलवन्त करके बढ़ाए, और तू राज्य-राज्य की मण्डली का मूल हो।


और कटोरों में से दाखमधु पीते, और उत्तम-उत्तम तेल लगाते हो, परन्तु यूसुफ पर आनेवाली विपत्ति का हाल सुनकर शोकित नहीं होते।


और उसे उसके सब क्लेशों से छुड़ाकर मिस्र के राजा फ़िरौन के आगे अनुग्रह और बुद्धि दी, उसने उसे मिस्र पर और अपने सारे घर पर राज्यपाल ठहराया। (उत्प. 39:21, उत्प. 41:40, उत्प. 41:43, उत्प. 41:46, भज. 105:21)


और यूसुफ ने अपने जेठे का नाम यह कहकर मनश्शे रखा, कि ‘परमेश्वर ने मुझसे मेरा सारा क्लेश, और मेरे पिता का सारा घराना भुला दिया है।’


और मिस्र देश के सुकाल के सात वर्ष समाप्त हो गए।


इन बातों के पश्चात् किसी ने यूसुफ से कहा, “सुन, तेरा पिता बीमार है।” तब वह मनश्शे और एप्रैम नामक अपने दोनों पुत्रों को संग लेकर उसके पास चला।


तब इस्राएल ने अपना दाहिना हाथ बढ़ाकर एप्रैम के सिर पर जो छोटा था, और अपना बायाँ हाथ बढ़ाकर मनश्शे के सिर पर रख दिया; उसने तो जान बूझकर ऐसा किया; नहीं तो जेठा मनश्शे ही था।


तब हन्ना गर्भवती हुई और समय पर उसके एक पुत्र हुआ, और उसका नाम शमूएल रखा, क्योंकि वह कहने लगी, “मैंने यहोवा से माँगकर इसे पाया है।”


और अब तेरे दोनों पुत्र, जो मिस्र में मेरे आने से पहले उत्पन्न हुए हैं, वे मेरे ही ठहरेंगे; अर्थात् जिस रीति से रूबेन और शिमोन मेरे हैं, उसी रीति से एप्रैम और मनश्शे भी मेरे ठहरेंगे।


यूसुफ के पुत्र जिससे उनके कुल निकले वे मनश्शे और एप्रैम थे।


यूसुफ के वंश के तो दो गोत्र हो गए थे, अर्थात् मनश्शे और एप्रैम; और उस देश में लेवियों को कुछ भाग न दिया गया, केवल रहने के नगर, और पशु आदि धन रखने को चराइयाँ उनको मिलीं।


तब मनश्शे और एप्रैम नामक यूसुफ के दोनों पुत्रों की सन्तान ने अपना-अपना भाग लिया।


फिर यूसुफ के जेठे मनश्शे के गोत्र का भाग चिट्ठी डालने से यह ठहरा। मनश्शे का जेठा पुत्र गिलाद का पिता माकीर योद्धा था, इस कारण उसके वंश को गिलाद और बाशान मिला।


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