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उत्पत्ति 1:11 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

11 फिर परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी से हरी घास, तथा बीजवाले छोटे-छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्हीं में एक-एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें,” और वैसा ही हो गया। (1 कुरि. 15:38)

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पवित्र बाइबल

11 तब परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी, घास, पौधे जो अन्न उत्पन्न करते हैं, और फलों के पेड़ उगाए। फलों के पेड़ ऐसे फल उत्पन्न करें जिनके फलों के अन्दर बीज हों और हर एक पौधा अपनी जाति का बीज बनाए। इन पौधों को पृथ्वी पर उगने दो” और ऐसा ही हुआ।

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Hindi Holy Bible

11 फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्ही में एक एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें; और वैसा ही हो गया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 तब परमेश्‍वर ने पृथ्‍वी को आज्ञा दी कि वह वनस्‍पति, बीजधारी पौधे और फलदायक वृक्ष उगाए। पृथ्‍वी पर उन वृक्षों की जाति के अनुसार उनके फलों में बीज भी हों। ऐसा ही हुआ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 फिर परमेश्‍वर ने कहा, “पृथ्वी से हरी घास, तथा बीजवाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्हीं में एक एक की जाति के अनुसार हैं, पृथ्वी पर उगें,” और वैसा ही हो गया।

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नवीन हिंदी बाइबल

11 फिर परमेश्‍वर ने कहा, “पृथ्वी वनस्पति उत्पन्‍न करे, अर्थात् पृथ्वी पर बीजवाले पौधे और अपनी-अपनी प्रजाति के अनुसार फल देनेवाले वृक्ष उगें, जिनके बीज उन्हीं में हों।” और ऐसा ही हो गया।

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उत्पत्ति 1:11
20 क्रॉस रेफरेंस  

इस प्रकार पृथ्वी से हरी घास, और छोटे-छोटे पेड़ जिनमें अपनी-अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक-एक की जाति के अनुसार उन्हीं में होते हैं उगें; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है।


फिर परमेश्वर ने उनसे कहा, “सुनो, जितने बीजवाले छोटे-छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं, वे सब मैंने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं; (रोम. 14:2)


और यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, “तू वाटिका के किसी भी वृक्षों का फल खा सकता है;


तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था।


और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भाँति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं, उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया। (प्रका. 2:7, प्रका. 22:14)


यह भूमि जो है, इससे रोटी तो मिलती है, परन्तु उसके नीचे के स्थान मानो आग से उलट दिए जाते हैं।


वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती पानी की धाराओं के किनारे लगाया गया है और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। और जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है।


वह आकाश को मेघों से भर देता है, और पृथ्वी के लिये मेंह को तैयार करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है। (प्रेरि. 14:17)


क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के सामने धार्मिकता और धन्यवाद को बढ़ाएगा।


वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के किनारे पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब धूप होगी तब उसको न लगेगी, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।”


और अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा हुआ है, इसलिए जो-जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है।


इसलिए जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्त्र पहनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्यों न पहनाएगा?


पृथ्वी आप से आप फल लाती है पहले अंकुर, तब बालें, और तब बालों में तैयार दाना।


परन्तु परमेश्वर अपनी इच्छा के अनुसार उसको देह देता है; और हर एक बीज को उसकी विशेष देह। (उत्प. 1:11)


क्योंकि जो भूमि वर्षा के पानी को जो उस पर बार बार पड़ता है, पी पीकर जिन लोगों के लिये वह जोती-बोई जाती है, उनके काम का साग-पात उपजाती है, वह परमेश्वर से आशीष पाती है।


हे मेरे भाइयों, क्या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।


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