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इफिसियों 4:18 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

18 क्योंकि उनकी बुद्धि अंधेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उनमें है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं;

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पवित्र बाइबल

18 उनकी बुद्धि अंधकार से भरी है। वे परमेश्वर से मिलने वाले जीवन से दूर हैं। क्योंकि वे अबोध हैं और उनके मन जड़ हो गये हैं।

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Hindi Holy Bible

18 क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

18 उनकी बुद्धि पर अन्‍धकार छाया हुआ है। वे अपने अज्ञान और हृदय की कठोरता के कारण ईश्‍वरीय जीवन से विमुख हो गये हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

18 क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गई है, और उस अज्ञानता के कारण जो उनमें है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्‍वर के जीवन से अलग किए हुए हैं;

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नवीन हिंदी बाइबल

18 उनकी समझ अंधकारमय हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उनमें है और अपने मन की कठोरता के कारण वे परमेश्‍वर के जीवन से दूर हो गए हैं।

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इफिसियों 4:18
34 क्रॉस रेफरेंस  

अपनी वाचा की सुधि ले; क्योंकि देश के अंधेरे स्थान अत्याचार के घरों से भरपूर हैं।


और जो परदा सब देशों के लोगों पर पड़ा है, जो घूँघट सब जातियों पर लटका हुआ है, उसे वह इसी पर्वत पर नाश करेगा। (इफि. 4:18)


जिससे इस्राएल का घराना, जो अपनी मूर्तियाँ के द्वारा मुझे त्याग कर दूर हो गया है, उन्हें मैं उन्हीं के मन के द्वारा फँसाऊँगा।


परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहाँ तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्ठा भंग की गई; (नीति. 16:15)


शुतुर्मुर्ग, तखमास, जलकुक्कट, और भाँति-भाँति के शिकरे,


क्योंकि इन लोगों के मन सुस्त हो गए है, और वे कानों से ऊँचा सुनते हैं और उन्होंने अपनी आँखें मूँद लीं हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आँखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएँ, और मैं उन्हें चंगा करूँ।’


और उसने उनके मन की कठोरता से उदास होकर, उनको क्रोध से चारों ओर देखा, और उस मनुष्य से कहा, “अपना हाथ बढ़ा।” उसने बढ़ाया, और उसका हाथ अच्छा हो गया।


“उसने उनकी आँखें अंधी, और उनका मन कठोर किया है; कहीं ऐसा न हो, कि आँखों से देखें, और मन से समझें, और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूँ।” (यशा. 6:10)


इसलिए परमेश्वर ने अज्ञानता के समयों पर ध्यान नहीं दिया, पर अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है।


“और अब हे भाइयों, मैं जानता हूँ कि यह काम तुम ने अज्ञानता से किया, और वैसा ही तुम्हारे सरदारों ने भी किया।


जब उन्होंने परमेश्वर को पहचानना न चाहा, तो परमेश्वर ने भी उन्हें उनके निकम्मे मन पर छोड़ दिया; कि वे अनुचित काम करें।


हे भाइयों, कहीं ऐसा न हो, कि तुम अपने आपको बुद्धिमान समझ लो; इसलिए मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो, कि जब तक अन्यजातियाँ पूरी रीति से प्रवेश न कर लें, तब तक इस्राएल का एक भाग ऐसा ही कठोर रहेगा।


फिर परिणाम क्या हुआ? यह कि इस्राएली जिसकी खोज में हैं, वह उनको नहीं मिला; परन्तु चुने हुओं को मिला और शेष लोग कठोर किए गए हैं।


यदि तू अपने पर भरोसा रखता है, कि मैं अंधों का अगुआ, और अंधकार में पड़े हुओं की ज्योति,


क्योंकि जब परमेश्वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्वर को न जाना तो परमेश्वर को यह अच्छा लगा, कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्वास करनेवालों को उद्धार दे।


जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते। (प्रेरि. 13:27)


परन्तु वे मतिमन्द हो गए, क्योंकि आज तक पुराने नियम के पढ़ते समय उनके हृदयों पर वही परदा पड़ा रहता है; पर वह मसीह में उठ जाता है।


और उन अविश्वासियों के लिये, जिनकी बुद्धि इस संसार के ईश्वर ने अंधी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।


फिर पहले, तो तुम परमेश्वर को न जानकर उनके दास थे जो स्वभाव में देवता नहीं। (यशा. 37:19, यिर्म. 2:11)


और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।


तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे।


तुम जो पहले पराए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे।


और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न अन्यजातियों के समान, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं।


और वह अज्ञानियों, और भूले भटकों के साथ नर्मी से व्यवहार कर सकता है इसलिए कि वह आप भी निर्बलता से घिरा है।


पर दूसरे में केवल महायाजक वर्ष भर में एक ही बार जाता है; और बिना लहू लिये नहीं जाता; जिसे वह अपने लिये और लोगों की भूल चूक के लिये चढ़ाता है। (निर्ग. 30:10, लैव्य. 16:2)


हे व्यभिचारिणियों, क्या तुम नहीं जानतीं, कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है? इसलिए जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आपको परमेश्वर का बैरी बनाता है। (1 यूह. 2:15,16)


और आज्ञाकारी बालकों के समान अपनी अज्ञानता के समय की पुरानी अभिलाषाओं के सदृश्य न बनो।


पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अंधकार में है, और अंधकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहाँ जाता है, क्योंकि अंधकार ने उसकी आँखें अंधी कर दी हैं।


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