सोचो, परमेश्वर तुम्हारा दोस्त बनना चाहता है! एक ऐसा रिश्ता जो भरोसे और प्यार पर टिका हो। वो चाहता है कि तुम भी इस रिश्ते में पूरी ज़िम्मेदारी और समर्पण निभाओ, जैसे एक सच्ची दोस्ती में होता है। "मैं अब तुम्हें दास नहीं कहूँगा, परन्तु मित्र कहूँगा; क्योंकि जो कुछ मैं ने अपने पिता से सुना है, सब तुम्हें बता दिया है" (यूहन्ना 15:15)।
परमेश्वर के साथ दोस्ती का मतलब है, उसके साथ समय बिताने की चाहत। यही इस दोस्ती का सबसे बड़ा राज़ है। जब तुम परमेश्वर के साथ समय बिताते हो, तो उसे खुश करते हो और ऐसी चीज़ें करने से बचते हो जो उसे पसंद नहीं। जिससे प्यार होता है, उसे ठेस नहीं पहुँचाई जाती।
जब तुम परमेश्वर के साथ दोस्ती का वादा करते हो, तो तुम उन सब चीज़ों को छोड़ देते हो जो तुम्हें उससे दूर ले जाती हैं। तुम ऐसा दिल बनाने की कोशिश करते हो जो उसे पसंद आए। तुम उसे खुश करने में लग जाते हो और दुनिया और उसके लालच से पूरी तरह दूर हो जाते हो, क्योंकि जो दुनिया का दोस्त बनता है, वह परमेश्वर का दुश्मन बन जाता है।
आज मैं तुम्हें अपने परमपिता परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते को संजोने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। अपनी दोस्ती को सबसे अनमोल बनाओ और हर दिन उससे कुछ नया सीखो, ताकि तुम हमेशा उसकी इच्छा पूरी करने के लिए तैयार रहो। और वो अपने गहरे राज़ तुम्हें बता सके, जो वो सिर्फ़ अपने दिल के करीब वालों को ही बताता है।
परमेश्वर को निराश मत करो, उससे झूठ मत बोलो। वो एकमात्र सच्चा दोस्त है जो तुम्हें कभी नहीं छोड़ेगा। वो तुम्हारी कमियों के साथ तुम्हें स्वीकार करेगा और हमेशा तुम्हारी मदद करेगा।
सुन, मैं द्वार पर खड़ा हूँ और खटखटा रहा हूँ। यदि कोई मेरी आवाज़ सुनता है और द्वार खोलता है तो मैं उसके घर में प्रवेश करूँगा तथा उसके साथ बैठकर खाना खाऊँगा और वह मेरे साथ बैठकर खाना खाएगा।
यहोवा मूसा से आमने—सामने बात करता था। यहोवा मूसा से इस प्रकार बात करता था जिस प्रकार कोई व्यक्ति अपने मित्र से बात करता है। यहोवा से बात करने के बाद मूसा हमेशा अपने डेरे मे वापस लौटता था। नून का पुत्र नवयुवक यहोशू मूसा का सहायक था। यहोशू सदा तम्बू में रहता था जब मूसा उसे छोड़ता था।
अब से मैं तुम्हें दास नहीं कहूँगा क्योंकि कोई दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या कर रहा है बल्कि मैं तुम्हें मित्र कहता हूँ। क्योंकि मैंने तुम्हें वह हर बात बता दी है, जो मैंने अपने परम पिता से सुनी है।
यहोवा कहता है: “किन्तु तू इस्राएल, मेरा सेवक है। याकूब, मैंने तुझ को चुना है तू मेरे मित्र इब्राहीम का वंशज है।
संसार को अथवा सांसारिक वस्तुओं को प्रेम मत करते रहो। यदि कोई संसार से प्रेम रखता है तो उसके हृदय में परमेश्वर के प्रति प्रेम नहीं है।
इस प्रकार शास्त्र का यह कहा पूरा हुआ था, “इब्राहीम ने परमेश्वर पर विश्वास किया और विश्वास के आधार पर ही वह धर्मी ठहरा” और इसी से वह “परमेश्वर का मित्र” कहलाया।
ओ, विश्वास विहीन लोगो! क्या तुम नहीं जानते कि संसार से प्रेम करना परमेश्वर से घृणा करने जैसा ही है? जो कोई इस दुनिया से दोस्ती रखना चाहता है, वह अपने आपको परमेश्वर का शत्रु बनाता है।
वह जो पवित्र मन को प्रेम करता है और जिसकी वाणी मनोहर होती है उसका तो राजा भी मित्र बन जाता है।
तू हमारा परमेश्वर है। तूने इस प्रदेश में रहने वालों को इसे छोड़ने को विवश किया। यह तूने अपने इस्राएली लोगों के सामने किया। तूने यह भूमि इब्राहाम के वंशजों को सदैव के लिये दे दी। इब्राहाम तेरा मित्र था।
कि तुम आपस में प्रेम करो, वैसे ही जैसे मैंने तुम से प्रेम किया है। बड़े से बड़ा प्रेम जिसे कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने मित्रों के लिए प्राण न्योछावर कर देना।
“अय्यूब, अब स्वयं को तू परमेश्वर को अर्पित कर दे, तब तू शांति पायेगा। यदि तू ऐसा करे तो तू धन्य और सफल हो जायेगा। उसकी सीख अपना ले, और उसके शब्द निज मन में सुरक्षित रख। अय्यूब, यदि तू फिर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास आये तो फिर से पहले जैसा हो जायेगा। तुझको अपने घर से पाप को बहुत दूर करना चाहिए। तुझको चाहिये कि तू निज सोना धूल में और निज ओपीर का कुन्दन नदी में चट्टानो पर फेंक दे। तब सर्वशक्तिमान परमेश्वर तेरे लिये सोना और चाँदी बन जायेगा।
दूल्हा वही है जिसे दुल्हन मिलती है। पर दूल्हे का मित्र जो खड़ा रहता है और उसकी अगुवाई में जब दूल्हे की आवाज़ को सुनता है, तो बहुत खुश होता है। मेरी यही खुशी अब पूरी हुई है।
बड़े से बड़ा प्रेम जिसे कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने मित्रों के लिए प्राण न्योछावर कर देना।
यहोवा अपने भक्तों पर अपने भेद खोलता है। वह अपने निज भक्तों को अपने वाचा की शिक्षा देता है।
हाँ स्वर्ग में स्थित मेरे पिता की इच्छा पर जो कोई चलता है, वही मेरा भाई, बहन और माँ है।”
मैं यहोवा से केवल एक वर माँगना चाहता हूँ, “मैं अपने जीवन भर यहोवा के मन्दिर में बैठा रहूँ, ताकि मैं यहोवा की सुन्दरता को देखूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान करुँ।”
हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है। वैसे कितना मैं तुझको चाहता हूँ। जैसे उस प्यासी क्षीण धरती जिस पर जल न हो वैसे मेरी देह और मन तेरे लिए प्यासा है। उनको तलवारों से मार दिया जायेगा। उनके शवों को जंगली कुत्ते खायेंगे। किन्तु राजा तो अपने परमेश्वर के साथ प्रसन्न होगा। वे लोग जो उसके आज्ञा मानने के वचन बद्ध हैं, उसकी स्तुति करेंगे। क्योंकि उसने सभी झूठों को पराजित किया। हाँ, तेरे मन्दिर में मैंने तेरे दर्शन किये। तेरी शक्ति और तेरी महिमा देख ली है। तेरी भक्ति जीवन से बढ़कर उत्तम है। मेरे होंठ तेरी बढाई करते हैं।
किन्तु, मैं परमेश्वर के निकट आया। मेरे साथ परमेश्वर भला है, मैंने अपना सुरक्षास्थान अपने स्वामी यहोवा को बनाया है। हे परमेश्वर, मैं उन सभी बातों का बखान करूँगा जिनको तूने किया है।
“प्रभु-प्रभु कहने वाला हर व्यक्ति स्वर्ग के राज्य में नहीं जा पायेगा बल्कि वह जो स्वर्ग में स्थित मेरे परम पिता की इच्छा पर चलता है, वही उसमें प्रवेश पायेगा।
“वह दाखलता मैं हूँ और तुम उसकी शाखाएँ हो। जो मुझमें रहता है, और मैं जिसमें रहता हूँ वह बहुत फलता है क्योंकि मेरे बिना तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
जो कोई व्यक्ति तेरी उपासना करता मैं उसका मित्र हूँ। जो कोई व्यक्ति तेरे आदेशों पर चलता है, मैं उसका मित्र हूँ।
जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है। सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है।
यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा। मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।” मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।
क्योंकि जब हम उसके बैरी थे उसने अपनी मृत्यु के द्वारा परमेश्वर से हमारा मेलमिलाप कराया तो अब तो जब हमारा मेलमिलाप हो चुका है उसके जीवन से हमारी और कितनी अधिक रक्षा होगी।
कुछ मित्र ऐसे होते हैं जिनका साथ मन को भाता है किन्तु अपना घनिष्ठ मित्र भाई से भी उत्तम हो सकता है।
एक समय था जब तुम अपने विचारों और बुरे कामों के कारण परमेश्वर के लिये अनजाने और उसके विरोधी थे। किन्तु अब जब मसीह अपनी भौतिक देह में था, तब मसीह की मृत्यु के द्वारा परमेश्वर ने तुम्हें स्वयं अपने आप से ले लिया, ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र, निश्कलंक और निर्दोष बना कर प्रस्तुत किया जाये।
यहोवा ने मन में कहा, “क्या मैं इब्राहीम से वह कह दूँ जो मैं अभी करूँगा? इब्राहीम से एक बड़ा और शक्तिशाली राष्ट्र बन जाएगा। इसी के कारण पृथ्वी के सारे मनुष्य आशीर्वाद पायेंगे। मैंने इब्राहीम के साथ खास वाचा की है। मैंने यह इसलिए किया है कि वह अपने बच्चे और अपने वंशज को उस तरह जीवन बिताने के लिए आज्ञा देगा जिस तरह का जीवन बिताना यहोवा चाहता है। मैंने यह इसलिए किया कि वे सच्चाई से रहेंगे और भले बनेंगे। तब मैं यहोवा प्रतिज्ञा की गई चीज़ों को दूँगा।”
यहोवा कहता है, “बुद्धिमान को अपनी बुद्धिमानी की डींग नहीं मारनी चाहिए। शक्तिशाली को अपने बल का बखान नहीं करना चाहिए। सम्पत्तिशाली को अपनी सम्पत्ति की हवा नहीं बांधनी चाहिए। किन्तु यदि कोई डींग मारना ही चाहता है तो उसे इन चीज़ों की डींग मारने दो: उसे इस बैंत की डींग मारने दो कि वह मुझे समझता और जानता है। उसे इस बात की डींग हाँकने दो कि वह यह समझता है कि मैं यहोवा हूँ। उसे इस बात की हवा बांधने दो कि मैं कृपालु और न्यायी हूँ। उसे इस बात का ढींढोरा पीटने दो कि मैं पृथ्वी पर अच्छे काम करता हूँ। मुझे इन कामों को करने से प्रेम है।” यह सन्देश यहोवा का है।
हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।
वह जो मेरे आदेशों को स्वीकार करता है और उनका पालन करता है, मुझसे प्रेम करता है। जो मुझमें प्रेम रखता है उसे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। मैं भी उसे प्रेम करूँगा और अपने आप को उस पर प्रकट करूँगा।”
और विश्वास के बिना तो परमेश्वर को प्रसन्न करना असम्भव है। क्योंकि हर एक वह जो उसके पास आता है, उसके लिए यह आवश्यक है कि वह इस बात का विश्वास करे कि परमेश्वर का अस्तित्व है और वे जो उसे सच्चाई के साथ खोजते हैं, वह उन्हें उसका प्रतिफल देता है।
किन्तु तुम तो चुने हुए लोग हो याजकों का एक राज्य, एक पवित्र प्रजा एक ऐसा नर-समूह जो परमेश्वर का अपना है, ताकि तुम परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की घोषणा कर सको। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें अन्धकार से अद्भुत प्रकाश में बुलाया।
बड़े से बड़ा प्रेम जिसे कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने मित्रों के लिए प्राण न्योछावर कर देना। जो आदेश तुम्हें मैं देता हूँ, यदि तुम उन पर चलते रहो तो तुम मेरे मित्र हो। अब से मैं तुम्हें दास नहीं कहूँगा क्योंकि कोई दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या कर रहा है बल्कि मैं तुम्हें मित्र कहता हूँ। क्योंकि मैंने तुम्हें वह हर बात बता दी है, जो मैंने अपने परम पिता से सुनी है।
“परमेश्वर से माँगते रहो, तुम्हें दिया जायेगा। खोजते रहो तुम्हें प्राप्त होगा खटखटाते रहो तुम्हारे लिए द्वार खोल दिया जायेगा। क्योंकि हर कोई जो माँगता ही रहता है, प्राप्त करता है। जो खोजता है पा जाता है और जो खटखटाता ही रहता है उसके लिए द्वार खोल दिया जाएगा।
क्योंकि जब हम उसके बैरी थे उसने अपनी मृत्यु के द्वारा परमेश्वर से हमारा मेलमिलाप कराया तो अब तो जब हमारा मेलमिलाप हो चुका है उसके जीवन से हमारी और कितनी अधिक रक्षा होगी। इतना ही नहीं है हम अपने प्रभु यीशु के द्वारा परमेश्वर की भक्ति पाकर अब उसमें आनन्द लेते हैं।
परमेश्वर विश्वासपूर्ण है। उसी के द्वारा तुम्हें हमारे प्रभु और उसके पुत्र यीशु मसीह की सत् संगति के लिये चुना गया है।
और फिर ये सब बातें उस परमेश्वर की ओर से हुआ करती हैं, जिसने हमें मसीह के द्वारा अपने में मिला लिया है और लोगों को परमेश्वर से मिलाप का काम हमें सौंपा है। हमारा संदेश है कि परमेश्वर लोगों के पापों की अनदेखी करते हुए मसीह के द्वारा उन्हें अपने में मिला रहा है और उसी ने मनुष्य को परमेश्वर से मिलाने का संदेश हमें सौंपा है।
किन्तु अब तुम्हें, जो कभी परमेश्वर से बहुत दूर थे, मसीह के बलिदान के द्वारा मसीह यीशु में तुम्हारी स्थिति के कारण, परमेश्वर के निकट ले आया गया है।
उसी के द्वारा समूचे ब्रह्माण्ड को परमेश्वर ने अपने से पुनः संयुक्त करना चाहा उन सभी को जो धरती के हैं और स्वर्ग के हैं। उसी लहू के द्वारा परमेश्वर ने मिलाप कराया जिसे मसीह ने क्रूस पर बहाया था। एक समय था जब तुम अपने विचारों और बुरे कामों के कारण परमेश्वर के लिये अनजाने और उसके विरोधी थे। किन्तु अब जब मसीह अपनी भौतिक देह में था, तब मसीह की मृत्यु के द्वारा परमेश्वर ने तुम्हें स्वयं अपने आप से ले लिया, ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र, निश्कलंक और निर्दोष बना कर प्रस्तुत किया जाये।
तो फिर आओ, हम सच्चे हृदय, निश्चयपूर्ण विश्वास अपनी अपराधपूर्ण चेतना से हमें शुद्ध करने के लिए किए गए छिड़काव से युक्त अपने हृदयों को लेकर शुद्ध जल से धोए हुए अपने शरीरों के साथ परमेश्वर के निकट पहुँचते हैं।
परमेश्वर के पास आओ, वह भी तुम्हारे पास आएगा। अरे पापियों! अपने हाथ शुद्ध करो और अरे सन्देह करने वालों, अपने हृदयों को पवित्र करो।
हमने उसे देखा है और सुना है। अब तुम्हें भी उसी का उपदेश दे रहे हैं ताकि तुम भी हमारे साथ सहभागिता रखो। हमारी यह सहभागिता परम पिता और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है।
हे प्यारे मित्रों, हम परस्पर प्रेम करें। क्योंकि प्रेम परमेश्वर से मिलता है और हर कोई जो प्रेम करता है, वह परमेश्वर की सन्तान बन गया है और परमेश्वर को जानता है। वह जो प्रेम नहीं करता है, परमेश्वर को नहीं जान पाया है। क्योंकि परमेश्वर ही प्रेम है।