होशे 14 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)होशे का इस्राएल से निवेदन 1 हे इस्राएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ, क्योंकि तू ने अपने अधर्म के कारण ठोकर खाई है। 2 बातें सीखकर और यहोवा की ओर लौटकर, उससे कह, “सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएँगे। 3 अश्शूर हमारा उद्धार न करेगा, हम घोड़ों पर सवार न होंगे; और न हम फिर अपनी बनाई हुई वस्तुओं से कहेंगे, ‘तुम हमारे ईश्वर हो;’ क्योंकि अनाथ पर तू ही दया करता है।” इस्राएल के लिए नए जीवन की परमेश्वर की प्रतिज्ञा 4 मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूँगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूँगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है। 5 मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूँगा; वह सोसन के समान फूले–फलेगा, और लबानोन के समान जड़ फैलाएगा। 6 उसकी जड़ से पौधे फूटकर निकलेंगे; उसकी शोभा जैतून की सी, और उसकी सुगन्ध लबानोन की सी होगी। 7 जो उसकी छाया में बैठेंगे, वे अन्न के समान बढ़ेंगे, वे दाखलता के समान फूले–फलेंगे; और उसकी कीर्ति लबानोन के दाखमधु की सी होगी। 8 एप्रैम कहेगा, “मूरतों से अब मेरा और क्या काम?” मैं उसकी सुनकर उस पर दृष्टि बनाए रखूँगा। मैं हरे सनौवर सा हूँ; मुझी से तू फल पाया करेगा। निष्कर्ष 9 जो बुद्धिमान हो, वही इन बातों को समझेगा; जो प्रवीण हो, वही इन्हें बूझ सकेगा; क्योंकि यहोवा के मार्ग सीधे हैं, और धर्मी उन में चलते रहेंगे, परन्तु अपराधी उन में ठोकर खाकर गिरेंगे। |
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
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