यहूदा की पत्री झूठे शिक्षकों के विरुद्ध चेतावनी देने के लिये लिखी गई थी, क्योंकि वे विश्वासी होने का दावा करते थे। इस छोटी–सी पत्री की विषय–वस्तु पतरस की दूसरी पत्री के समान है, इसमें लेखक अपने पाठकों को उत्साहित करता है कि “उस विश्वास के लिये पूरा यत्न करो जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था।”