तीतुस INTRO1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)भूमिका तीतुस एक गैर–यहूदी मसीही था, जो पौलुस के प्रचार कार्य में उसका साथी और सहायक बन गया था। तीतुस के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री क्रेते में रह रहे पौलुस के इसी युवा सहायक को सम्बोधित की गई है, जिसे वहाँ कलीसिया के कार्य का निरीक्षण करने के लिये छोड़ा गया था। यह पत्री तीन महत्वपूर्ण विषयों को अभिव्यक्त करती है। प्रथम, तीतुस को यह याद दिलाया गया है कि कलीसिया के अगुवों का चरित्र किस प्रकार का होना चाहिए, विशेष कर बहुत से क्रेतेवासियों के बुरे चरित्र को देखते हुए यह कहा गया है। द्वितीय, तीतुस को यह सलाह दी गई है कि कलीसिया में उपस्थित विभिन्न समूहों को किस प्रकार शिक्षा दी जाए, अर्थात् वृद्ध पुरुष, वृद्ध महिलाएँ (जो क्रमश: युवा स्त्रियों को शिक्षा दें), युवा पुरुष, और दास। तृतीय, लेखक तीतुस को मसीही आचरण सम्बन्धी सलाह देता है, विशेष कर शान्तिपूर्ण और मित्रवत् बनने के लिये; और घृणा, वाद–विवाद और कलीसिया में गुटबन्दी से बचने के लिये। रूप–रेखा : भूमिका 1:1–4 कलीसिया के अगुवे 1:5–16 कलीसिया में विभिन्न समूहों के कर्तव्य 2:1–15 उपदेश और चेतावनी 3:1–11 उपसंहार 3:12–15 |
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.
Bible Society of India