गिनती INTRO1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)भूमिका गिनती की पुस्तक में इस्राएलियों के लगभग चालीस वर्षों के इतिहास का वर्णन मिलता है। यह सीनै पर्वत से प्रस्थान से लेकर परमेश्वर के प्रतिज्ञात देश की पूर्वी सीमा तक पहुँचने का वर्णन है। इस पुस्तक का नाम इसके विवरण की एक प्रमुख विशेषता को दर्शाता है, अर्थात् इस्राएलियों की जनगणना को जो मूसा ने सीनै पर्वत से प्रस्थान के पहले की थी, और पुन: एक पीढ़ी बाद यरदन के पूर्व की ओर मोआब में की थी। इन दोनों जनगणनाओं के बीच इस्राएली कनान देश की दक्षिणी सीमा, कादेश–बर्ने, पर पहुँचे, परन्तु वहाँ से वे प्रतिज्ञात देश में प्रवेश न कर सके। उस क्षेत्र में कई वर्ष व्यतीत करने के बाद, वे यरदन नदी के पूर्वी क्षेत्र की ओर गए। वहाँ इस्राएलियों के कुछ गोत्र बस गए और वहीं शेष गोत्रों ने यरदन नदी पार करके कनान देश में जाने की तैयारी की। गिनती की पुस्तक में एक ऐसी जाति का विवरण मिलता है जो कठिनाइयों के सामने निराश और घबरा गई थी। उसने परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा नियुक्त अपने अगुए, मूसा, के विरुद्ध विद्रोह किया था। यह उसके लोगों की कमजोरियों और आज्ञा–उल्लंघनों के बावजूद उनके प्रति परमेश्वर की विश्वासयोग्यता और उसकी निरन्तर देख–रेख का विवरण है। यह परमेश्वर और उसके लोगों, दोनों के प्रति मूसा के सम्पूर्ण समर्पण का भी वर्णन है, यद्यपि कभी–कभी वह अधीर हो उठता था। रूप–रेखा इस्राएलियों द्वारा सीनै पर्वत से प्रस्थान की तैयारी 1:1—9:23 क. प्रथम जनगणना 1:1—4:49 ख. विभिन्न नियम और कानून 5:1—8:26 ग. फसह का दूसरा पर्व 9:1–23 सीनै पर्वत से मोआब तक 10:1—21:35 मोआब में घटी घटनाएँ 22:1—32:42 मिस्र से मोआब तक की यात्रा का संक्षिप्त विवरण 33:1—49 यरदन नदी पार करने से पहले दिए गए निर्देश 33:50—36:13 |
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.
Bible Society of India