Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -

2 राजाओं 22 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)


यहूदा का राजा योशिय्याह
( 2 इति 34:1 , 2 )

1 जब योशिय्याह राज्य करने लगा, तब वह आठ वर्ष का था, और यरूशलेम में इकतीस वर्ष तक राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम यदीदा था जो बोस्कतवासी अदाया की बेटी थी।

2 उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्‍टि में ठीक है और जिस मार्ग पर उसका मूलपुरुष दाऊद चला ठीक उसी पर वह भी चला, और उससे न तो दाहिनी ओर और न बाईं ओर मुड़ा।


व्यवस्था की पुस्तक का मिलना
( 2 इति 34:8–28 )

3 अपने राज्य के अठारहवें वर्ष में राजा योशिय्याह ने असल्याह के पुत्र शापान मंत्री को जो मशुल्‍लाम का पोता था, यहोवा के भवन में यह कहकर भेजा,

4 “हिलकिय्याह महायाजक के पास जाकर कह, कि जो चाँदी यहोवा के भवन में लाई गई है, और द्वारपालों ने प्रजा से इकट्ठी की है,

5 उसको जोड़कर, उन काम करानेवालों को सौंप दे, जो यहोवा के भवन के काम पर मुखिया हैं; फिर वे उसको यहोवा के भवन में काम करनेवाले कारीगरों को दें, इसलिये कि उसमें जो कुछ टूटा–फूटा हो उसकी वे मरम्मत करें।

6 अर्थात् बढ़इयों, राजमिस्त्रियों और संगतराशों को दें, और भवन की मरम्मत के लिये लकड़ी और गढ़े हुए पत्थर मोल लेने में लगाएँ।

7 परन्तु जिनके हाथ में वह चाँदी सौंपी गई, उनसे हिसाब न लिया गया, क्योंकि वे सच्‍चाई से काम करते थे।

8 हिलकिय्याह महायाजक ने शापान मंत्री से कहा, “मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है,” तब हिलकिय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी, और वह उसे पढ़ने लगा।

9 तब शापान मंत्री ने राजा के पास लौटकर यह सन्देश दिया, “जो चाँदी भवन में मिली, उसे तेरे कर्मचारियों ने थैलियों में डाल कर, उनको सौंप दिया जो यहोवा के भवन में काम करानेवाले हैं।”

10 फिर शापान मंत्री ने राजा को यह भी बताया, “हिलकिय्याह याजक ने उसे एक पुस्तक दी है।” तब शापान उसे राजा को पढ़कर सुनाने लगा।

11 व्यवस्था की उस पुस्तक की बातें सुनकर राजा ने अपने वस्त्र फाड़े।

12 फिर उसने हिलकिय्याह याजक, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकायाह के पुत्र अकबोर, शापान मंत्री और असाया नामक अपने एक कर्मचारी को आज्ञा दी,

13 “यह पुस्तक जो मिली है, उसकी बातों के विषय तुम जाकर मेरी और प्रजा की और सब यहूदियों की ओर से यहोवा से पूछो, क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इस कारण भड़की है, कि हमारे पुरखाओं ने इस पुस्तक की बातें न मानी कि जो कुछ हमारे लिये लिखा है उसके अनुसार करते।”

14 हिलकिय्याह याजक और अहीकाम, अकबोर, शापान और असाया ने हुल्दा नबिया के पास जाकर उससे बातें की। वह उस शल्‍लूम की पत्नी थी जो तिकवा का पुत्र और हर्हस का पोता और वस्त्रों का रखवाला था, (और वह स्त्री यरूशलेम के नये मोहल्‍ले में रहती थी)।

15 उसने उनसे कहा, “इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है कि जिस पुरुष ने तुम को मेरे पास भेजा, उससे यह कहो,

16 ‘यहोवा यों कहता है कि सुन, जिस पुस्तक को यहूदा के राजा ने पढ़ा है, उसकी सब बातों के अनुसार मैं इस स्थान और इसके निवासियों पर विपत्ति डालने पर हूँ।

17 उन लोगों ने मुझे त्याग कर पराये देवताओं के लिये धूप जलाया और अपनी बनाई हुई सब वस्तुओं के द्वारा मुझे क्रोध दिलाया है, इस कारण मेरी जलजलाहट इस स्थान पर भड़केगी और फिर शांत न होगी।

18 परन्तु यहूदा का राजा जिसने तुम्हें यहोवा से पूछने को भेजा है उससे तुम यों कहो, कि इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा कहता है,

19 इसलिये कि तू वे बातें सुनकर दीन हुआ, और मेरी वे बातें सुनकर कि इस स्थान और इसके निवासियों को देखकर लोग चकित होंगे, और शाप दिया करेंगे, तू ने यहोवा के सामने अपना सिर झुकाया, और अपने वस्त्र फाड़कर मेरे सामने रोया है, इस कारण मैं ने तेरी सुनी है, यहोवा की यही वाणी है।

20 इसलिये देख, मैं ऐसा करूँगा कि तू अपने पुरखाओं के संग मिल जाएगा, और तू शान्ति से अपनी कबर को पहुँचाया जाएगा, और जो विपत्ति मैं इस स्थान पर डालूँगा, उसमें से तुझे अपनी आँखों से कुछ भी देखना न पड़ेगा।’ ” तब उन्होंने लौटकर राजा को यह सन्देश दिया।

Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible

Copyright © 2012 by The Bible Society of India

Used by permission. All rights reserved worldwide.

Bible Society of India
हमारे पर का पालन करें:



विज्ञापनों