Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -

1 शमूएल 17 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)


गोलियत की समस्त इस्राएल को चुनौती

1 अब पलिश्तियों ने युद्ध के लिये अपनी सेनाओं को इकट्ठा किया; और यहूदा देश के सोको में एक साथ होकर सोको और अजेका के बीच एपेसदम्मीम में डेरे डाले।

2 शाऊल और इस्राएली पुरुषों ने भी इकट्ठे होकर एला नामक तराई में डेरे डाले, और युद्ध के लिये पलिश्तियों के विरुद्ध पाँति बाँधी।

3 पलिश्ती तो एक ओर के पहाड़ पर और इस्राएली दूसरी ओर के पहाड़ पर खड़े रहे; और दोनों के बीच तराई थी।

4 तब पलिश्तियों की छावनी में से गोलियत नामक एक वीर निकला, जो गत नगर का था, और उसकी लम्बाई छ: हाथ एक बित्ता थी।

5 उसके सिर पर पीतल का टोप था; और वह एक पत्तर का झिलम पहिने हुए था, जिसका तौल पाँच हज़ार शेकेल पीतल का था।

6 उसकी टाँगों पर पीतल के कवच थे, और उस के कन्धों के बीच बरछी बंधी थी।

7 उसके भाले की छड़ जुलाहे के डोंगी के समान थी, और उस भाले का फल छ: सौ शेकेल लोहे का था, और बड़ी ढाल लिए हुए एक जन उसके आगे आगे चलता था।

8 वह खड़ा होकर इस्राएली पाँतियों को ललकार के बोला, “तुम ने यहाँ आकर लड़ाई के लिये क्यों पाँति बाँधी है? क्या मैं पलिश्ती नहीं हूँ, और तुम शाऊल के अधीन नहीं हो? अपने में से एक पुरुष चुनो, कि वह मेरे पास उतर आए।

9 यदि वह मुझ से लड़कर मुझे मार सके, तब तो हम तुम्हारे अधीन हो जाएँगे; परन्तु यदि मैं उस पर प्रबल होकर मारूँ, तो तुम को हमारे अधीन होकर हमारी सेवा करनी पड़ेगी।”

10 फिर वह पलिश्ती बोला, “मैं आज के दिन इस्राएली पाँतियों को ललकारता हूँ, किसी पुरुष को मेरे पास भेजो, कि हम एक दूसरे से लड़ें।”

11 उस पलिश्ती की इन बातों को सुनकर शाऊल और समस्त इस्राएलियों का मन कच्‍चा हो गया, और वे अत्यन्त डर गए।


दाऊद शाऊल की छावनी में

12 दाऊद यहूदा के बैतलहम के उस एप्राती पुरुष का पुत्र था, जिसका नाम यिशै था, और उसके आठ पुत्र थे और वह पुरुष शाऊल के दिनों में बूढ़ा और निर्बल हो गया था।

13 यिशै के तीन बड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर लड़ने को गए थे; और उसके तीन पुत्रों के नाम जो लड़ने को गए थे ये थे, अर्थात् ज्येष्‍ठ का नाम एलीआब, दूसरे का अबीनादाब, और तीसरे का शम्मा था।

14 सबसे छोटा दाऊद था; और तीनों बड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर गए थे,

15 और दाऊद बैतलहम में अपने पिता की भेड़ बकरियाँ चराने को शाऊल के पास से आया जाया करता था।

16 वह पलिश्ती तो चालीस दिन तक सबेरे और साँझ को निकट जाकर खड़ा हुआ करता था।

17 यिशै ने अपने पुत्र दाऊद से कहा, “यह एपा भर भुना हुआ अनाज और ये दस रोटियाँ लेकर छावनी में अपने भाइयों के पास दौड़ जा;

18 और पनीर की ये दस टिकियाँ उनके सहस्रपति के लिये ले जा। और अपने भाइयों का कुशल देखकर उनकी कोई निशानी ले आना।

19 शाऊल, और तेरे भाई, और समस्त इस्राएली पुरुष एला नामक तराई में पलिश्तियों से लड़ रहे हैं।”

20 अत: दाऊद सबेरे उठ, भेड़ बकरियों को किसी रखवाले के हाथ में छोड़कर, यिशै की आज्ञा के अनुसार उन वस्तुओं को लेकर चला; और जब सेना रणभू्मि को जा रही और संग्राम के लिये ललकार रही थी, उसी समय वह गाड़ियों के पड़ाव पर पहुँचा।

21 तब इस्राएलियों और पलिश्तियों ने अपनी अपनी सेना आमने–सामने करके पाँति बाँधी।

22 दाऊद अपनी सामग्री सामान के रखवाले के हाथ में छोड़कर रणभू्मि को दौड़ा, और अपने भाइयों के पास जाकर उनका कुशल क्षेम पूछा।

23 वह उनके साथ बातें कर ही रहा था, कि पलिश्तियों की पाँतियों में से वह वीर, अर्थात् गतवासी गोलियत नामक वह पलिश्ती योद्धा चढ़ आया, और पहले की सी बातें कहने लगा और दाऊद ने उन्हें सुना।

24 उस पुरुष को देखकर सब इस्राएली अत्यन्त भय खाकर उसके सामने से भागे।

25 फिर इस्राएली पुरुष कहने लगे, “क्या तुम ने उस पुरुष को देखा है जो चढ़ा आ रहा है? निश्‍चय वह इस्राएलियों को ललकारने को चढ़ा आता है; और जो कोई उसे मार डालेगा उसको राजा बहुत धन देगा, और अपनी बेटी का विवाह उससे कर देगा, और उसके पिता के घराने को इस्राएल में स्वतंत्र कर देगा।”

26 तब दाऊद ने उन पुरुषों से जो उसके आसपास खड़े थे पूछा, “जो उस पलिश्ती को मारके इस्राएलियों की नामधराई दूर करेगा उसके लिये क्या किया जाएगा? वह खतनारहित पलिश्ती क्या है कि जीवित परमेश्‍वर की सेना को ललकारे?”

27 तब लोगों ने उससे वही बातें कहीं, अर्थात् यह, कि जो कोई उसे मारेगा उससे ऐसा किया जाएगा।

28 जब दाऊद उन मनुष्यों से बातें कर रहा था, तब उसका बड़ा भाई एलीआब सुन रहा था; और एलीआब दाऊद से बहुत क्रोधित होकर कहने लगा, “तू यहाँ क्यों आया है? और जंगल में उन थोड़ी सी भेड़ बकरियों को तू किस के पास छोड़ आया है? तेरा अभिमान और तेरे मन की बुराई मुझे मालूम है; तू तो लड़ाई देखने के लिये यहाँ आया है।”

29 दाऊद ने कहा, “अब मैं ने क्या किया है? वह तो निरी बात थी।”

30 तब उसने उसके पास से मुँह फेरके दूसरे के सम्मुख होकर वैसी ही बात कही; और लोगों ने उसे पहले के समान उत्तर दिया।

31 जब दाऊद की बातों की चर्चा हुई, तब शाऊल को भी सुनाई गई; और उसने उसे बुलवा भेजा।

32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, “किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्‍चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा।”

33 शाऊल ने दाऊद से कहा, “तू जाकर उस पलिश्ती के विरुद्ध युद्ध नहीं कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।”

34 दाऊद ने शाऊल से कहा, “तेरा दास अपने पिता की भेड़ बकरियाँ चराता था; और जब कोई सिंह या भालू झुण्ड में से मेम्ना उठा ले जाता,

35 तब मैं उसका पीछा करके उसे मारता, और मेम्ने को उसके मुँह से छुड़ा लेता; और जब वह मुझ पर हमला करता, तब मैं उसके केश को पकड़कर उसे मार डालता था।

36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मारा है। और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उसने जीवित परमेश्‍वर की सेना को ललकारा है।”

37 फिर दाऊद ने कहा, “यहोवा जिसने मुझे सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा।” शाऊल ने दाऊद से कहा, “जा, यहोवा तेरे साथ रहे।”

38 तब शाऊल ने अपने वस्त्र दाऊद को पहिनाए, और पीतल का टोप उसके सिर पर रख दिया, और झिलम उसको पहिनाया।

39 तब दाऊद ने उसकी तलवार वस्त्र के ऊपर कसी, और चलने का यत्न किया; उसने तो उनको न परखा था। इसलिये दाऊद ने शाऊल से कहा, “इन्हें पहिने हुए मुझ से चला नहीं जाता, क्योंकि मैं ने इन्हें नहीं परखा है।” और दाऊद ने उन्हें उतार दिया।

40 तब उसने अपनी लाठी हाथ में ली, और नाले में से पाँच चिकने पत्थर छाँटकर अपनी चरवाही की थैली, अर्थात् अपने झोले में रखे; और अपना गोफन हाथ में लेकर पलिश्ती के निकट गया।


दाऊद ने गोलियत को मारा

41 पलिश्ती चलते चलते दाऊद के निकट पहुँचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल लिए था वह उसके आगे आगे चला।

42 जब पलिश्ती ने दृष्‍टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना; क्योंकि वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सुन्दर था।

43 तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, “क्या मैं कुत्ता हूँ, कि तू लाठी लेकर मेरे पास आता है?” तब पलिश्ती अपने देवताओं के नाम लेकर दाऊद को कोसने लगा।

44 फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, “मेरे पास आ, मैं तेरा मांस आकाश के पक्षियों और वनपशुओं को दे दूँगा।”

45 दाऊद ने पलिश्ती से कहा, “तू तो तलवार और भाला और साँग लिये हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूँ, जो इस्राएली सेना का परमेश्‍वर है, और उसी को तू ने ललकारा है।

46 आज के दिन यहोवा तुझ को मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझ को मारूँगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूँगा; और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना के शव आकाश के पक्षियों और पृथ्वी के जीव जन्तुओं को दे दूँगा; तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्‍वर है।

47 और यह समस्त मण्डली जान लेगी कि यहोवा तलवार या भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिये कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा।”

48 जब पलिश्ती उठकर दाऊद का सामना करने के लिये निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ती का समाना करने के लिये फुर्ती से दौड़ा।

49 फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उसमें से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुँह के बल गिर पड़ा।

50 यों दाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल होकर उसे मार डाला; परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न थी।

51 तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हो गया, और उसकी तलवार पकड़कर म्यान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए।

52 इस पर इस्राएली और यहूदी पुरुष ललकार उठे, और गत और एक्रोन के फाटकों तक पलिश्तियों का पीछा करते गए, और घायल पलिश्ती शारैंम के मार्ग में और गत और एक्रोन तक गिरते गये।

53 तब इस्राएली पलिश्तियों का पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डेरों को लूट लिया।

54 और दाऊद पलिश्ती का सिर यरूशलेम में ले गया; और उसके हथियार अपने डेरे में रख लिए।


दाऊद का शाऊल के सामने लाया जाना

55 जब शाऊल ने दाऊद को उस पलिश्ती का सामना करने के लिये जाते देखा, तब उसने अपने सेनापति अब्नेर से पूछा, “हे अब्नेर, वह जवान किसका पुत्र है?” अब्नेर ने कहा, “हे राजा, तेरे जीवन की शपथ, मैं नहीं जानता।”

56 राजा ने कहा, “तू पूछ ले कि वह जवान किसका पुत्र है।”

57 जब दाऊद पलिश्ती को मारकर लौटा, तब अब्नेर ने उसे पलिश्ती का सिर हाथ में लिए हुए शाऊल के सामने पहुँचाया।

58 शाऊल ने उससे पूछा, “हे जवान, तू किसका पुत्र है?” दाऊद ने कहा, “मैं तो तेरे दास बैतलहमवासी यिशै का पुत्र हूँ।”

Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible

Copyright © 2012 by The Bible Society of India

Used by permission. All rights reserved worldwide.

Bible Society of India
हमारे पर का पालन करें:



विज्ञापनों