भूमिका
फिलेमोन एक प्रतिष्ठित मसीही था। सम्भवत: वह कुलुस्से नगर की कलीसिया का सदस्य था। वह उनेसिमुस नामक एक गुलाम का मालिक था। यह गुलाम अपने मालिक के पास से भाग गया, और संयोग से रोम में सन्त पौलुस के सम्पर्क में आया। उस समय सन्त पौलुस कारागार में बन्दी थे। सन्त पौलुस के सम्पर्क में आकर उनेसिमुस मसीही बन जाता है। फिलेमोन के नाम पत्र में सन्त पौलुस ने फिलेमोन से अनुरोध किया कि वह उनेसिमुस को क्षमा कर दे और उसे स्वीकार कर ले, क्योंकि सन्त पौलुस उसे वापस भेज रहे थे। सन्त पौलुस ने फिलेमोन से अपील की कि वह उनेसिमुस का स्वागत न केवल क्षमाप्राप्त दास के रूप में करें, बल्कि मसीही बन्धु के रूप में।
विषय-वस्तु की रूपरेखा
अभिवादन पद 1-3
फिलेमोन की प्रशंसा पद 4-7
उनेसिमुस के लिए अनुरोध पद 8-22
उपसंहार पद 23-25