लूका INTRO1 - नवीन हिंदी बाइबललूका रचित सुसमाचार नए नियम में लूका की पहचान एक वैद्य (कुलुस्सियों 4:14) और पौलुस के सहकर्मी (फिलेमोन 24) के रूप में की गई है। लूका रचित सुसमाचार और प्रेरितों के कार्य की प्रस्तावनाओं से ज्ञात होता है कि ये दोनों रचनाएँ एक ही लेखक के द्वारा एक ही व्यक्ति या समुदाय “थियुफिलुस” को लिखी गईं। लूका इस सुसमाचार को क्रमानुसार और ऐतिहासिक विश्वसनीयता के साथ लिखता है। यह सुसमाचार वृत्तांत अन्य सभी सुसमाचार वृत्तांतों से अधिक विस्तृत और उच्च श्रेणी की साहित्यिक रचना है। लूका अपने वृत्तांत के आरंभ में ही उद्देश्य बता देता है कि “उन सब बातों को आरंभ से भली-भाँति जाँचकर तेरे लिए क्रमानुसार लिखूँ ताकि जो बातें तुझे सिखाई गईं तू उनकी निश्चितता को जाने (लूका 1:3, 4)।” लूका इससे पहले कि यीशु मसीह के कार्यों और उपदेशों का सावधानीपूर्वक और क्रमानुसार वर्णन करे, वह उसकी वंशावली, उसके जन्म और आरंभिक जीवन पर बल देता है। लूका रचित सुसमाचार यीशु मसीह को इस्राएल के प्रतिज्ञात उद्धारकर्ता के रूप में प्रस्तुत करता है जो सिद्ध मनुष्य है और संपूर्ण मानवजाति का उद्धारकर्ता है। चारों सुसमाचार वृत्तांतों में से केवल इसी में हमें यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के जन्म, यरूशलेम के मंदिर में बालक यीशु, इम्माऊस के मार्ग पर यीशु के प्रकट होने का वर्णन मिलता है। इसमें मरियम का स्तुतिगान और यीशु के जन्म पर स्वर्गदूतों का गीत भी पाया जाता है। इसमें कुछ ऐसे दृष्टांत भी हैं जो अन्य किसी सुसमाचार वृत्तांत में नहीं हैं, जैसे धनवान और लाज़र, दयालु सामरी और खोए हुए पुत्र का दृष्टांत। इस सुसमाचार वृत्तांत में प्रार्थना, पवित्र आत्मा, यीशु के सेवाकार्य में स्त्रियों के योगदान, और परमेश्वर द्वारा पापों की क्षमा पर बहुत बल दिया गया है। रूपरेखा 1. भूमिका 1:1–4 2. यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले और यीशु का जन्म 1:5—2:52 3. यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का सेवाकार्य 3:1–20 4. यीशु का बपतिस्मा और परीक्षा 3:21—4:13 5. गलील क्षेत्र में यीशु का सेवाकार्य 4:14—9:50 6. गलील से यरूशलेम की ओर यात्रा 9:51—19:27 7. यरूशलेम में यीशु का विजय प्रवेश और अंतिम दुःखभोग सप्ताह 19:28—23:56 8. यीशु का पुनरुत्थान, दिखाई देना, और स्वर्गारोहण 24:1–53 |