भजन संहिता 146 - नवीन हिंदी बाइबलकरुणा से भरा परमेश्वर 1 याह की स्तुति करो! हे मेरे मन, यहोवा की स्तुति कर! 2 मैं जीवन भर यहोवा की स्तुति करता रहूँगा; जब तक मैं जीवित हूँ तब तक अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूँगा। 3 तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना। तुम किसी मनुष्य पर भी भरोसा न रखना क्योंकि उसमें उद्धार करने की शक्ति नहीं। 4 जब उसका प्राण निकलेगा तो वह मिट्टी में मिल जाएगा, और उस दिन उसकी योजनाएँ भी नष्ट हो जाएँगी। 5 क्या ही धन्य है वह, जिसका सहायक याकूब का परमेश्वर है, और जिसकी आशा अपने परमेश्वर यहोवा पर है। 6 वह आकाश और पृथ्वी और समुद्र और जो कुछ उनमें है, सब का कर्ता है; वह सदा विश्वासयोग्य रहता है। 7 वह पिसे हुओं का न्याय करता है, और भूखों को रोटी देता है। यहोवा बंदियों को छुड़ाता है। 8 यहोवा अंधों की आँखें खोलता है; यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है; यहोवा धर्मियों से प्रेम रखता है। 9 यहोवा परदेशियों की रक्षा करता है, और अनाथों और विधवाओं को संभालता है; परंतु दुष्टों के मार्ग को टेढ़ा-मेढ़ा करता है। 10 यहोवा, सदा के लिए राज्य करता रहेगा; हे सिय्योन, तेरा परमेश्वर पीढ़ी से पीढ़ी तक राज्य करता रहेगा। याह की स्तुति करो! |