इब्रानियों INTRO1 - नवीन हिंदी बाइबलइब्रानियों के नाम पत्री इब्रानियों की पत्री नए नियम की एक बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तक है जो पुराने नियम के बहुत से विषयों को मसीह के संदर्भ में सिखाती है और मसीह को पुराने नियम के प्रतिज्ञा किए गए मसीहा के रूप में बड़े बल के साथ प्रस्तुत करती है। इब्रानियों की पत्री में इसके लेखक का उल्लेख नहीं है, परंतु फिर भी मसीही परंपरा और कई आरंभिक कलीसियाई अगुवे प्रेरित पौलुस को ही इस पत्री का लेखक मानते हैं। लेखक चाहे जो भी हो, परंतु एक बात स्पष्ट है कि वह अपने समय की यूनानी भाषा में निपुण था और पुराने नियम के यूनानी अनुवाद (सेप्टूआजिंट) से भली-भाँति परिचित था। उसे पुराने नियम की व्यवस्था का भी अच्छा ज्ञान था तथा वह इन सब बातों को नियमित रूप से अपनी पत्री में उद्धृत करता है। इब्रानियों की पत्री को प्राथमिक रूप से यहूदी धर्म से मसीही विश्वास में आए लोगों को संबोधित किया गया है जो पुराने नियम से परिचित थे। वे बढ़ते हुए विरोध के कारण या तो यहूदी धर्म में लौटने या फिर मसीहियत को यहूदी रंग में रंगने की परीक्षा का सामना कर रहे थे। लेखक इन विश्वासियों को विश्वास में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करता है और ऐसा करते हुए वह तीन बातों पर बल देता है : पहली, यीशु मसीह परमेश्वर का अनंत पुत्र है जिसने कष्टों को सहने के द्वारा पिता के प्रति सच्ची आज्ञाकारिता सीखी; और पुत्र के रूप में यीशु मसीह पुराने नियम के भविष्यवक्ताओं, स्वर्गदूतों और मूसा से भी श्रेष्ठ है। दूसरी, परमेश्वर ने यीशु मसीह को पुराने नियम के याजकों से उत्तम एक सदाकाल का याजक ठहराया है। तीसरी, यीशु मसीह के द्वारा एक विश्वासी पाप, भय और मृत्यु से छुटकारा पाता है, और एक महायाजक के रूप में यीशु मसीह सच्चे उद्धार को प्रदान करता है, जिसकी छाया को हम पुराने नियम की विधियों और बलिदानों में देखते हैं। लेखक पाठकों को उत्साहित करता है कि परमेश्वर के लोगों को अब केवल यीशु मसीह की ओर देखना चाहिए जिसकी बलिदानी मृत्यु, पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण ने परमेश्वर की उपस्थिति के सच्चे और स्वर्गीय पवित्र स्थान का मार्ग खोल दिया है। लेखक इस बात का वर्णन भी करता है कि यदि हम इस महान उद्धार की उपेक्षा करते हैं तो हमें परमेश्वर के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। अध्याय 11 में इब्रानियों का लेखक पुराने नियम के विश्वास के वीरों का वर्णन करता है और उनके विश्वास को उद्धृत करते हुए अध्याय 12 में वह अपने पाठकों को अंत तक विश्वासयोग्य बने रहने, अपनी आँखों को यीशु मसीह पर लगाए रखने, और विश्वास के मार्ग में आनेवाले हर कष्ट और सताव का सामना करने के लिए उत्साहित करता है। रूपरेखा 1. मसीह परमेश्वर का संपूर्ण प्रकाशन है 1:1–4 2. मसीह स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है 1:5—2:18 3. मसीह मूसा और यहोशू से श्रेष्ठ है 3:1—4:13 4. मसीह के याजकपद की श्रेष्ठता 4:14—7:28 5. मसीह की वाचा की श्रेष्ठता 8:1—9:28 6. मसीह के बलिदान की श्रेष्ठता 10:1–31 7. विश्वास का महत्त्व 11:1—12:25 8. अंतिम उपदेश और उपसंहार 13:1–25 |