यूहन्ना की तीसरी पत्री
यीशु मसीह के प्रिय शिष्य यूहन्ना ने अपनी तीसरी पत्री कलीसिया के एक अगुवे, गयुस को लिखी। यह बाइबल की सबसे छोटी पुस्तक है, और एक बहुत ही व्यक्तिगत पत्री है।
इस पत्री में दो लोगों के बीच विरोधाभास दिखाया गया है, जहाँ एक ओर गयुस है जो प्रेरित द्वारा भेजे गए भ्रमणकारी शिक्षकों का उदारता से स्वागत तथा अतिथि-सत्कार करता है; जबकि दूसरी ओर दियुत्रिफेस है जो उन शिक्षकों को ग्रहण नहीं करता है, और जो उन्हें ग्रहण करते हैं उनका विरोध करता है। इस कारण यूहन्ना इस पत्री के द्वारा गयुस की प्रशंसा करता है कि वह सत्य पर चलता है (पद 1–8), और दियुत्रिफेस की भर्त्सना करता है क्योंकि वह गलत मार्ग पर चलता है (पद 9–14)।
रूपरेखा
1. भूमिका 1–4
2. गयुस की प्रशंसा 5–8
3. दियुत्रिफेस की भर्त्सना 9–10
4. दिमेत्रियुस के चरित्र की प्रशंसा 11–12
5. उपसंहार 13–15