2 पतरस INTRO1 - नवीन हिंदी बाइबलपतरस की दूसरी पत्री पतरस की दूसरी पत्री का लेखक भी प्रेरित पतरस है और उसने यह पत्री सामान्य रूप में आरंभिक मसीहियों के लिए लिखी (1:1)। अपनी पहली पत्री में पतरस जहाँ विश्वासियों को कलीसिया के बाहर से आए सताव का सामना करते हुए स्थिर रहने के लिए उत्साहित करता है (1 पतरस 4:12–13), वहीं दूसरी पत्री में वह उन झूठे शिक्षकों और दुष्ट लोगों से दूर रहने की शिक्षा देता है जो कलीसिया में घुस आए हैं (2:1; 3:3–4)। पतरस कहता है कि इन समस्याओं का समाधान केवल तभी मिल सकता है जब हम परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह के सच्चे ज्ञान में स्थिर रहते हैं। इस पूरी पत्री में पतरस की शिक्षा को तीन मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है : (1) मसीह में उन्नति के लिए उत्साहित करना (अध्याय 1); (2) झूठी शिक्षा का विरोध करना (अध्याय 2); और (3) प्रभु के पुनरागमन के लिए तैयार रहना (अध्याय 3)। पतरस विशेषकर उन झूठे शिक्षकों की शिक्षाओं का विरोध करता है जो दावा करते थे कि मसीह का पुनरागमन नहीं होगा। उनकी इस झूठी शिक्षा का खंडन करते हुए पतरस कहता है कि मसीह का पुनरागमन अब तक इसलिए नहीं हुआ क्योंकि प्रभु “नहीं चाहता कि कोई नाश हो, बल्कि यह कि सब लोगों को पश्चात्ताप का अवसर मिले” (3:9)। रूपरेखा 1. अभिवादन 1:1–2 2. मसीही बुलाहट और चुनाव 1:3–21 3. झूठे शिक्षकों के विरुद्ध चेतावनी 2:1–22 4. मसीह के पुनरागमन के विषय में शिक्षा 3:1–16 5. अंतिम निर्देश और अभिवादन 3:17–18 |