भजन संहिता 75 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019न्याय के लिए परमेश्वर का धन्यवाद प्रधान बजानेवाले के लिये: अलतशहेत राग में आसाप का भजन। गीत। 1 हे परमेश्वर हम तेरा धन्यवाद करते, हम तेरा नाम धन्यवाद करते हैं; क्योंकि तेरा नाम प्रगट हुआ है, तेरे आश्चर्यकर्मों का वर्णन हो रहा है। 2 जब ठीक समय आएगा तब मैं आप ही ठीक-ठीक न्याय करूँगा। 3 जब पृथ्वी अपने सब रहनेवालों समेत डोल रही है, तब मैं ही उसके खम्भों को स्थिर करता हूँ। (सेला) 4 मैंने घमण्डियों से कहा, “घमण्ड मत करो,” और दुष्टों से, “सींग ऊँचा मत करो; 5 अपना सींग बहुत ऊँचा मत करो, न सिर उठाकर ढिठाई की बात बोलो।” 6 क्योंकि बढ़ती न तो पूरब से न पश्चिम से, और न जंगल की ओर से आती है; 7 परन्तु परमेश्वर ही न्यायी है, वह एक को घटाता और दूसरे को बढ़ाता है। 8 यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें का दाखमधु झागवाला है; उसमें मसाला मिला है, और वह उसमें से उण्डेलता है, निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दुष्ट लोग पी जाएँगे। (यिर्म. 25:15, प्रका. 14:10, प्रका. 16:19) 9 परन्तु मैं तो सदा प्रचार करता रहूँगा, मैं याकूब के परमेश्वर का भजन गाऊँगा। 10 दुष्टों के सब सींगों को मैं काट डालूँगा, परन्तु धर्मी के सींग ऊँचे किए जाएँगे। |
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