उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था. अपने पूर्वज दावीद के नीतियों के पथ का आचरण करता रहा. वह इनसे न तो दाएं मुड़ा और न बाएं.
सभोपदेशक 2:21 - सरल हिन्दी बाइबल कभी एक व्यक्ति बुद्धि, ज्ञान और कुशलता के साथ मेहनत करता है और उसे हर एक वस्तु उस व्यक्ति के आनंद के लिए त्यागनी पड़ती है जिसने उसके लिए मेहनत ही नहीं की. यह भी बेकार और बहुत बुरा है. पवित्र बाइबल एक व्यक्ति अपनी बुद्धि, अपने ज्ञान और अपनी चतुराई का प्रयोग करते हुए कठिन परिश्रम कर सकता हैं। किन्तु वह व्यक्ति तो मर जायेगा और जिन वस्तुओं के लिये उस व्यक्ति ने कठिन परिश्रम किया था, वे किसी दूसरे ही व्यक्ति को मिल जायेंगी। उन व्यक्तियों ने वस्तुओं के लिये कोई काम तो नहीं किया था, किन्तु उन्हें वह सभी कुछ हासिल हो जायेगा। इससे मुझे बहुत दुःख होता है। यह न्यायपूर्ण तो नहीं है। यह तो विवेकपूर्ण नहीं है। Hindi Holy Bible क्योंकि ऐसा मनुष्य भी है, जिसका कार्य परिश्रम और बुद्धि और ज्ञान से होता है और सफल भी होता है, तौभी उसको ऐसे मनुष्य के लिये छोड़ जाना पड़ता है, जिसने उस में कुछ भी परिश्रम न किया हो। यह भी व्यर्थ और बहुत ही बुरा है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कभी ऐसा भी होता है कि मनुष्य बुद्धि, ज्ञान और कौशल से परिश्रम करता है किन्तु वह उसका फल उस व्यक्ति के द्वारा भोगने के लिए छोड़ जाता है, जिसने उसके लिए कुछ भी परिश्रम नहीं किया। यह भी व्यर्थ है और बहुत बुरा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि ऐसा मनुष्य भी है, जिसका कार्य परिश्रम और बुद्धि और ज्ञान से होता है और सफल भी होता है, तौभी उसको ऐसे मनुष्य के लिए छोड़ जाना पड़ता है, जिसने उसमें कुछ भी परिश्रम न किया हो। यह भी व्यर्थ और बहुत ही बुरा है। नवीन हिंदी बाइबल कोई ऐसा भी मनुष्य होता है जो बुद्धिमानी, ज्ञान और निपुणता से परिश्रम करता है, परंतु अपनी सारी संपत्ति ऐसे मनुष्य के लिए छोड़ जाता है जिसने उसके लिए कोई परिश्रम नहीं किया है। यह भी व्यर्थ और बहुत बुरा है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि ऐसा मनुष्य भी है, जिसका कार्य परिश्रम और बुद्धि और ज्ञान से होता है और सफल भी होता है, तो भी उसको ऐसे मनुष्य के लिये छोड़ जाना पड़ता है, जिसने उसमें कुछ भी परिश्रम न किया हो। यह भी व्यर्थ और बहुत ही बुरा है। |
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था. अपने पूर्वज दावीद के नीतियों के पथ का आचरण करता रहा. वह इनसे न तो दाएं मुड़ा और न बाएं.
भविष्यद्वक्ता शमुएल के समय से अब तक इस्राएल में फ़सह उत्सव का ऐसा समारोह नहीं मनाया गया था और न ही इस्राएल के किसी भी राजा ने पुरोहितों, लेवियों, सारे यहूदिया, उपस्थित इस्राएल और येरूशलेम वासियों के साथ इस तरह का समारोह कभी नहीं मनाया था, जैसे योशियाह ने मनाया था.
सभी के सामने यह स्पष्ट है, कि सभी बुद्धिमानो की भी मृत्यु होती है; वैसे ही मूर्खों और अज्ञानियों की भी, ये सभी अपनी संपत्ति दूसरों के लिए छोड़ जाते हैं.
उनकी आत्मा में उनका विचार है, कि उनके आवास अमर हैं, तथा उनके निवास सभी पीढ़ियों के लिए हो गए हैं, वे तो अपने देशों को भी अपने नाम से पुकारने लगे हैं.
मैंने यह भी पाया कि सारी मेहनत और सारी कुशलता मनुष्य एवं उसके पड़ोसी के बीच जलन के कारण है. यह भी बेकार और हवा से झगड़ना है.
एक व्यक्ति जिसका कोई नहीं है; न पुत्र, न भाई. उसकी मेहनत का कोई अंत नहीं. वह पर्याप्त धन कमा नहीं पाता, फिर भी वह यह प्रश्न कभी नहीं करता, “मैं अपने आपको सुख से दूर रखकर यह सब किसके लिए कर रहा हूं?” यह भी बेकार, और दुःख भरी स्थिति है!
युद्ध के शस्त्रों की तुलना में बुद्धि ज्यादा अच्छी है, मगर एक पापी हर एक अच्छी चीज़ का नाश कर देता है.
“क्या अपने भवन में देवदार का प्रचूर प्रयोग करने के कारण तुम राजा के पद पर पहुंच गए हो? क्या तुम्हारा पिता सर्वसंपन्न न था? फिर भी उसने वही किया जो सही और न्यायपूर्ण था, इसलिये उसका कल्याण होता रहा.
“किंतु तुम्हारी दृष्टि तथा तुम्हारे हृदय की अभिलाषा मात्र अन्यायपूर्ण धनप्राप्ति पर केंद्रित है, तुम निस्सहाय के रक्तपात, दमन, ज़बरदस्ती धन वसूली और उपद्रव में लिप्त रहते हो.”