परमेश्वर ने अपनी बनाई हर चीज़ को देखा, और वह बहुत ही अच्छी थी. और शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार छठवां दिन हो गया.
सभोपदेशक 2:11 - सरल हिन्दी बाइबल इसलिये मैंने अपने द्वारा किए गए सभी कामों को, और अपने द्वारा की गई मेहनत को नापा, और यही पाया कि यह सब भी बेकार और हवा से झगड़ना था; और धरती पर इसका कोई फायदा नहीं. पवित्र बाइबल किन्तु मैंने जो कुछ किया था जब उस पर दृष्टि डाली और अपने किये कठिन परिश्रम के बारे में विचार किया तो मुझे लगा यह सब समय की बर्बादी थी! यह ऐसा ही था जैसा वायु को पकड़ना। इस जीवन में हम जो कुछ श्रम करते हैं उस सबकुछ का उचित परिणाम हमें नहीं मिलता। Hindi Holy Bible तब मैं ने फिर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, तो क्या देखा कि सब कुछ व्यर्थ और वायु को पकड़ना है, और संसार में कोई लाभ नहीं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब मैंने अपने कामों पर विचार किया, मैंने उस परिश्रम पर भी सोचा जो मैंने उन कामों पर किया था। मुझे अनुभव हुआ कि यह सब निस्सार है− यह मानो हवा को पकड़ना है। इस सूर्य के नीचे धरती पर मनुष्य के काम और परिश्रम से कुछ लाभ नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने फिर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, तो क्या देखा कि सब कुछ व्यर्थ और वायु को पकड़ना है, और संसार में कोई लाभ नहीं। नवीन हिंदी बाइबल तब मैंने अपने हाथों द्वारा किए सब कार्यों पर विचार किया, और उस परिश्रम पर भी विचार किया जो मैंने उन्हें पूरा करने के लिए किया था; और देखो, वे सब व्यर्थ और वायु को पकड़ने के समान हैं, और संसार में उनसे कोई लाभ नहीं। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने फिर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, तो क्या देखा कि सब कुछ व्यर्थ और वायु को पकड़ना है, और सूर्य के नीचे कोई लाभ नहीं। |
परमेश्वर ने अपनी बनाई हर चीज़ को देखा, और वह बहुत ही अच्छी थी. और शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार छठवां दिन हो गया.
मेरे जीवन की क्षणभंगुरता का स्मरण कीजिए, किस व्यर्थता के लिए आपने समस्त मनुष्यों की रचना की!
मोशेह ने उन सब कामों को जांचा जो उन्होंने किया था, और सब काम जैसी याहवेह की आज्ञा थी, उसी के अनुसार ही किया गया था. फिर मोशेह ने सबको आशीष दी.
मैंने इन सभी कामों को जो इस धरती पर किए जाते हैं, देखा है, और मैंने यही पाया कि यह बेकार और हवा से झगड़ना है.
मैंने अपना हृदय बुद्धि को और बावलेपन और मूर्खता को जानने में लगाया, किंतु मुझे अहसास हुआ कि यह भी हवा से झगड़ना ही है.
जो धन से प्रेम रखता है, वह कभी धन से संतुष्ट न होगा; और न ही वह जो बहुत धन से प्रेम करता है. यह भी बेकार ही है.
यह भी एक बड़ी बुरी बात है: ठीक जैसे एक व्यक्ति का जन्म होता है, वैसे ही उसकी मृत्यु भी हो जाएगी. तो उसके लिए इसका क्या फायदा, जो हवा को पकड़ने के लिए मेहनत करता है?
क्या सर्वशक्तिमान याहवेह ने यह निश्चय नहीं किया है कि लोगों की मेहनत सिर्फ उस लकड़ी जैसी है, जो आग जलाने के काम आती है, और जाति-जाति के लोग अपने लिये बेकार का परिश्रम करते हैं?