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लैव्यव्यवस्था 22:13 - सरल हिन्दी बाइबल

किंतु यदि किसी पुरोहित की पुत्री विधवा हो जाए, अथवा उसका तलाक हो जाए, और वह युवावस्था में ही निःसंतान ही अपने पिता के घर लौट आए, तो वह अपने पिता के भोजन में से खा सकती है; किंतु कोई व्यक्ति जो पुरोहित न हो वह इसमें से न खाए.

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पवित्र बाइबल

किसी याजक की पुत्री विधवा हो सकती है, या उसे तलाक दिया जा सकता है। यदि उके भरन पोषण के लिए उसके बच्चे नहीं हैं और वह अपने पिता के यहाँ लौटती है, जहाँ वह बचपन में रही है तो वह पिता के भोजन मेंसे कुछ खा सकती है। किन्तु केवल याजक के परिवार के व्यक्ति ही इस भोजन को खा सकते हैं।

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Hindi Holy Bible

यदि याजक की बेटी विधवा वा त्यागी हुई हो, और उसकी सन्तान न हो, और वह अपनी बाल्यावस्था की रीति के अनुसार अपने पिता के घर में रहती हो, तो वह अपने पिता के भोजन में से खाए; पर पराए कुल का कोई उस में से न खाने पाए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किन्‍तु यदि पुरोहित की पुत्री परित्‍यक्‍ता अथवा विधवा है, उसकी सन्‍तान नहीं है, और वह कन्‍या के सदृश अपने पिता के घर लौट आई है, तो वह अपने पिता का भोजन खा सकती है। कोई अपुरोहित उसको नहीं खाएगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यदि याजक की बेटी विधवा या त्यागी हुई हो, और उसकी सन्तान न हो, और वह अपनी बाल्यावस्था की रीति के अनुसार अपने पिता के घर में रहती हो, तो वह अपने पिता के भोजन में से खाए; पर पराए कुल का कोई उसमें से न खाने पाए।

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नवीन हिंदी बाइबल

यदि याजक की बेटी विधवा या त्यागी हुई हो, और निस्संतान हो, और वह अपनी बाल्यावस्था के दिनों के समान अपने पिता के घर में आकर रहती हो, तो वह अपने पिता के भोजन में से खा सकती है, परंतु कोई सामान्य व्यक्‍ति उसमें से न खाए।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यदि याजक की बेटी विधवा या त्यागी हुई हो, और उसकी सन्तान न हो, और वह अपनी बाल्यावस्था की रीति के अनुसार अपने पिता के घर में रहती हो, तो वह अपने पिता के भोजन में से खाए; पर पराए कुल का कोई उसमें से न खाने पाए।

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लैव्यव्यवस्था 22:13
11 क्रॉस रेफरेंस  

यह देख यहूदाह ने अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेलाह, विवाह के योग्य न हो जाए, अपने पिता के घर विधवा बनकर रहना.” यहूदाह को डर था कि इस पुत्र की भी मृत्यु उसके भाइयों के समान हो जाए. इसलिये तामार अपने पिता के घर चली गई.


अधिपति ने उन्हें आदेश दिया कि वे उस समय तक अति पवित्र भोजन न खाएं, जब तक वहां कोई ऐसा पुरोहित न हो, जो उरीम तथा थुम्मिन से सलाह न ले लें.


याहवेह ने मोशेह एवं अहरोन को फ़सह का नियम समझाया: “इस्राएलियों के अलावा कोई भी परदेशी इस भोजन को न खाए.


इस प्रकार वे अभिषेक तथा पवित्र की गई वस्तुओं को खाएं, जिनके द्वारा प्रायश्चित किया गया था. लेकिन सामान्य व्यक्ति इसे न खाएं, क्योंकि ये वस्तुएं पवित्र हैं.


मेरे पवित्र चीज़ों के बारे में स्वयं अपना काम करने के बदले, तुमने दूसरों को मेरे पवित्र स्थान की ज़िम्मेदारी दे दी.


किंतु तुम तथा तुम्हारी सन्तति लहराने की बलि स्वरूप भेंट, छाती और जांघ को किसी स्वच्छ स्थान में खा सकते हो; क्योंकि यह इस्राएल की प्रजा की मेल बलियों में से तुम्हारे और तुम्हारे पुत्रों एवं पुत्रियों के लिए निर्धारित भाग के रूप में तुम्हें दिया गया है.


“ ‘कोई भी, जो पुरोहित के परिवार के बाहर का हो, किसी पवित्र भेंट को न खाए; किसी पुरोहित के साथ रह रहा कोई पराए कुल का रहवासी, अथवा किराये पर लिया गया कोई मज़दूर पवित्र भेंट में से न खाए.


यदि किसी पुरोहित की पुत्री का विवाह किसी ऐसे व्यक्ति से हो जाए, जो पुरोहित न हो, तो वह कन्या उन चढ़ाई हुई भेंटों में से न खाए.


और वह वहां से जाकर किसी अन्य पुरुष से विवाह कर लेती है,


उस समय शाऊल का एक सेवक उसी स्थान पर उपस्थित था, जिसे याहवेह के सामने रोका गया था; वह एदोमवासी था तथा उसका नाम दोएग था, वह शाऊल के चरवाहों का प्रधान था.