धन्य होता है वह व्यक्ति, जो इन शिक्षाओं के समक्ष ठहरा रहता है, जिसे द्वार पर मेरी प्रतीक्षा रहती है.
लूका 8:40 - सरल हिन्दी बाइबल जब प्रभु येशु झील की दूसरी ओर पहुंचे, वहां इंतजार करती भीड़ ने उनका स्वागत किया. पवित्र बाइबल अब देखो जब यीशु लौटा तो जन समूह ने उसका स्वागत किया क्योंकि वे सभी उसकी प्रतीक्षा में थे। Hindi Holy Bible जब यीशु लौट रहा था, तो लोग उस से आनन्द के साथ मिले; क्योंकि वे सब उस की बाट जोह रहे थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब येशु लौटे तब लोगों ने उनका स्वागत किया, क्योंकि सभी उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब यीशु लौटा तो लोग उससे आनन्द के साथ मिले, क्योंकि वे सब उसकी बाट जोह रहे थे। नवीन हिंदी बाइबल यीशु के लौटने पर लोगों ने उसका स्वागत किया, क्योंकि वे सब उसकी प्रतीक्षा कर रहे थे। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब यीशु लौट रहा था, तो लोग उससे आनन्द के साथ मिले; क्योंकि वे सब उसकी प्रतीक्षा कर रहे थे। |
धन्य होता है वह व्यक्ति, जो इन शिक्षाओं के समक्ष ठहरा रहता है, जिसे द्वार पर मेरी प्रतीक्षा रहती है.
स्वयं दावीद उन्हें प्रभु कहकर संबोधित कर रहे हैं इसलिये किस भाव में प्रभु दावीद के पुत्र हुए?” भीड़ उनके इस वाद-विवाद का आनंद ले रही थी.
मसीह येशु दोबारा झील के दूसरे तट पर चले गए. एक बड़ी भीड़ उनके पास इकट्ठी हो गयी. मसीह येशु झील तट पर ही रहे.
हेरोदेस योहन से डरता था क्योंकि वह जानता था कि योहन एक धर्मी और पवित्र व्यक्ति हैं. हेरोदेस ने योहन को सुरक्षित रखा था. योहन के प्रवचन सुनकर वह घबराता तो था फिर भी उसे उनके प्रवचन सुनना बहुत प्रिय था.
किंतु उनकी कोई भी योजना सफल नहीं हो रही थी क्योंकि लोग प्रभु येशु के प्रवचनों से अत्यंत प्रभावित थे.
एक दिन प्रभु येशु गन्नेसरत झील के तट पर खड़े थे. वहां एक बड़ी भीड़ उनसे परमेश्वर का वचन सुनने के लिए उन पर गिर पड़ रही थी.
“अपने परिजनों में लौट जाओ तथा इन बड़े-बड़े कामों का वर्णन करो, जो परमेश्वर ने तुम्हारे लिए किए हैं.” इसलिये वह लौटकर सभी नगर में यह वर्णन करने लगा कि प्रभु येशु ने उसके लिए कैसे बड़े-बड़े काम किए हैं.
योहन वह जलता हुआ और चमकता हुआ दीपक थे, जिनके उजाले में तुम्हें कुछ समय तक आनंद मनाना सुखद लगा.
मैंने तुरंत आपको बुलवाने के लिए अपने सेवक भेजे और आपने यहां आने की कृपा की है. हम सब यहां इसलिये उपस्थित हैं कि आपसे वह सब सुनें जिसे सुनाने की आज्ञा आपको प्रभु की ओर से प्राप्त हुई है.”