तथा नाज़रेथ नामक नगर में जाकर बस गए कि भविष्यवक्ताओं द्वारा कहा गया-यह वचन पूरा हो: वह नाज़री कहलाएगा.
लूका 4:16 - सरल हिन्दी बाइबल प्रभु येशु नाज़रेथ नगर आए, जहां उनका पालन पोषण हुआ था. शब्बाथ पर अपनी रीति के अनुसार वह यहूदी सभागृह में जाकर पवित्र शास्त्र पढ़ने के लिए खड़े हो गए. पवित्र बाइबल फिर वह नासरत आया जहाँ वह पला-बढ़ा था। और अपनी आदत के अनुसार सब्त के दिन वह यहूदी आराधनालय में गया। जब वह पढ़ने के लिये खड़ा हुआ Hindi Holy Bible और वह नासरत में आया; जहां पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जा कर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब येशु नासरत नगर में आए, जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ था तो वह विश्राम के दिन अपनी आदत के अनुसार सभागृह गये। वह धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ने के लिए उठे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर वह नासरत में आया, जहाँ पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जाकर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ। नवीन हिंदी बाइबल फिर वह नासरत में आया, जहाँ उसका पालन-पोषण हुआ था, और अपने नियमानुसार वह सब्त के दिन आराधनालय में गया, और पढ़ने के लिए खड़ा हुआ। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह नासरत में आया; जहाँ उसका पालन-पोषण हुआ था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जाकर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ। |
तथा नाज़रेथ नामक नगर में जाकर बस गए कि भविष्यवक्ताओं द्वारा कहा गया-यह वचन पूरा हो: वह नाज़री कहलाएगा.
जब योसेफ़ तथा मरियम प्रभु के व्यवस्था में निर्धारित विधियां पूरी कर चुके, वे गलील प्रदेश में अपने नगर नाज़रेथ लौट गए.
जब प्रभु येशु की अवस्था बारह वर्ष की हुई, तब प्रथा के अनुसार वह भी अपने माता-पिता के साथ उत्सव के लिए येरूशलेम गए.
प्रभु येशु अपने माता-पिता के साथ नाज़रेथ लौट गए और उनके आज्ञाकारी रहे. उनकी माता ने ये सब विषय हृदय में संजोए रखे.
उन्हें भविष्यवक्ता यशायाह का अभिलेख दिया गया. उन्होंने उसमें वह जगह निकाली, जहां लिखा है:
प्रभु येशु ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि आप मुझसे यह कहना चाहेंगे, ‘अरे चिकित्सक! पहले स्वयं को तो स्वस्थ कर! अपने गृहनगर में भी वह सब कर दिखा, जो हमने तुझे कफ़रनहूम में करते सुना है.’ ”
मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैंने संसार से खुलकर बातें की हैं. मैंने हमेशा सभागृहों और मंदिर में शिक्षा दी है, जहां सभी यहूदी इकट्ठा होते हैं. गुप्त में मैंने कभी भी कुछ नहीं कहा.
रोज़ की तरह पौलॉस यहूदी आराधनालय में गए और तीन शब्बाथों पर पवित्र शास्त्र के आधार पर उनसे वाद-विवाद करते रहे