मेरे लोग तुम्हारे पास आते हैं, जैसा कि वे सामान्यतः करते हैं, और वे तुम्हारा वचन सुनने के लिये तुम्हारे सामने बैठते हैं, पर वे उन वचनों के अनुसार नहीं चलते हैं, वे मुंह से प्रेम की बातें तो करते हैं, पर उनका मन अन्याय की कमाई में लगा रहता है.
लूका 18:23 - सरल हिन्दी बाइबल यह सुन वह प्रधान बहुत दुःखी हो गया क्योंकि वह बहुत धनी था. पवित्र बाइबल सो जब उस यहूदी नेता ने यह सुना तो वह बहुत दुखी हुआ, क्योंकि उसके पास बहुत सारी सम्पत्ति थी। Hindi Holy Bible वह यह सुनकर बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बड़ा धनी था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह यह सुन कर बहुत उदास हो गया, क्योंकि वह बहुत धनी था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह यह सुनकर बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बड़ा धनी था। नवीन हिंदी बाइबल यह सुनकर वह बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बहुत धनी था। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह यह सुनकर बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बड़ा धनी था। |
मेरे लोग तुम्हारे पास आते हैं, जैसा कि वे सामान्यतः करते हैं, और वे तुम्हारा वचन सुनने के लिये तुम्हारे सामने बैठते हैं, पर वे उन वचनों के अनुसार नहीं चलते हैं, वे मुंह से प्रेम की बातें तो करते हैं, पर उनका मन अन्याय की कमाई में लगा रहता है.
ये शब्द सुनते ही उसका मुंह लटक गया. वह शोकित हृदय से लौट गया क्योंकि वह बड़ी संपत्ति का स्वामी था.
तब प्रभु येशु ने भीड़ को देखते हुए उन्हें चेतावनी दी, “स्वयं को हर एक प्रकार के लालच से बचाए रखो. मनुष्य का जीवन उसकी संपत्ति की बहुतायत होने पर भला नहीं है.”
यह सुन प्रभु येशु ने उससे कहा, “एक कमी फिर भी है तुममें. अपनी सारी संपत्ति बेचकर निर्धनों में बांट दो. धन तुम्हें स्वर्ग में प्राप्त होगा. तब आकर मेरे पीछे हो लो.”
किंतु ज़क्ख़ाइयॉस ने खड़े होकर प्रभु से कहा, “प्रभुवर! मैं अपनी आधी संपत्ति निर्धनों में दान कर दूंगा और यदि मैंने किसी से गलत ढंग से कुछ भी लिया है तो मैं उसे चौगुनी राशि लौटा दूंगा.”
“सावधान रहना कि तुम्हारा हृदय जीवन संबंधी चिंताओं, दुर्व्यसनों तथा मतवालेपन में पड़कर सुस्त न हो जाए और वह दिन तुम पर अचानक से फंदे जैसा आ पड़े.
वह भूमि जहां बीज कंटीली झाड़ियों के मध्य गिरा, वे लोग हैं, जो सुनते तो हैं किंतु जब वे जीवनपथ पर आगे बढ़ते हैं, जीवन की चिंताएं, धन तथा विलासिता उनका दमन कर देती हैं और वे मजबूत हो ही नहीं पाते.
क्योंकि तुम यह अच्छी तरह से जानते हो कि किसी भी व्यभिचारी, मलिन तथा लोभी व्यक्ति का, जो मूर्तिपूजक ही है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं है.
इससे कहीं अधिक बढ़कर मसीह येशु मेरे प्रभु को जानने के उत्तम महत्व के सामने मैंने सभी वस्तुओं को हानि मान लिया है—वास्तव में मैंने इन्हें कूड़ा मान लिया है कि मैं मसीह को प्राप्त कर सकूं और मैं उनमें स्थिर हो जाऊं, जिनके लिए मैंने सभी वस्तुएं खो दीं हैं.
इसलिये अपनी पृथ्वी की देह के अंगों को—वेश्यागामी, अशुद्धता, दुष्कामना, लालसा तथा लोभ को, जो वास्तव में मूर्ति पूजा ही है—मार दो
न तो संसार से प्रेम रखो और न ही सांसारिक वस्तुओं से. यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, उसमें पिता का प्रेम होता ही नहीं.