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रोमियों 7:12 - सरल हिन्दी बाइबल

इसलिये व्यवस्था पवित्र है और आज्ञा पवित्र, धर्मी और भली है.

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पवित्र बाइबल

इस तरह व्यवस्था पवित्र है और वह विधान पवित्र, धर्मी और उत्तम है।

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Hindi Holy Bible

इसलिये व्यवस्था पवित्र है, और आज्ञा भी ठीक और अच्छी है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इस प्रकार हम देखते हैं कि व्‍यवस्‍था पवित्र है और आज्ञा पवित्र, उचित एवं कल्‍याणकारी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इसलिये व्यवस्था पवित्र है, और आज्ञा भी ठीक और अच्छी है।

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नवीन हिंदी बाइबल

इसलिए व्यवस्था पवित्र है, और आज्ञा भी पवित्र, न्यायसंगत और भली है।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इसलिए व्यवस्था पवित्र है, और आज्ञा पवित्र, धर्मी, और अच्छी है।

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रोमियों 7:12
15 क्रॉस रेफरेंस  

“तब आपने सीनायी पहाड़ पर उतरकर स्वर्ग से उनसे बातें की; आपने उनके लिए सच्ची व्यवस्था और अच्छी आज्ञाएं दी, आदर्श व्यवस्था और आज्ञा.


इसलिये कि मुझे आपके आदेश स्वर्ण से अधिक प्रिय हैं, शुद्ध कुन्दन से अधिक,


याहवेह, आप धर्मी हैं, सच्चे हैं आपके नियम.


आपकी प्रतिज्ञाओं का उचित परीक्षण किया जा चुका है, वे आपके सेवक को अत्यंत प्रिय हैं.


मेरी जीभ आपके वचन का गान करेगी, क्योंकि आपके सभी आदेश आदर्श हैं.


अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा पूर्ण कीजिए, कि आपके प्रति मेरी श्रद्धा स्थायी रहे.


विश्वासयोग्य हैं आपके आदेश; मेरी सहायता कीजिए, झूठ बोलनेवाले मुझे दुःखित कर रहे हैं.


इस संसार के स्वरूप में न ढलो, परंतु मन के नए हो जाने के द्वारा तुममें जड़ से परिवर्तन हो जाए कि तुम परमेश्वर की इच्छा को, जो उत्तम, ग्रहण करने योग्य तथा त्रुटिहीन है, सत्यापित कर सको.


तो क्या हमारा विश्वास व्यवस्था को व्यर्थ ठहराता है? नहीं! बिलकुल नहीं! इसके विपरीत अपने विश्वास के द्वारा हम व्यवस्था को स्थिर करते हैं.


यह तो हमें मालूम ही है कि व्यवस्था आत्मिक है किंतु मैं हूं शारीरिक—पाप के दासत्व में पूरी तरह बिका हुआ!


इसलिये यदि मैं वही सब करता हूं, जो मुझे अप्रिय है, तो मैं व्यवस्था से सहमत हूं और स्वीकार करता हूं कि यह सही है.


तब इस्राएल, तुमसे याहवेह की क्या अपेक्षा है, इसके अलावा कि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और भय का भाव रखो, उनसे प्रेम करो, याहवेह, अपने परमेश्वर की सेवा अपने पूरे हृदय और अपने पूरे प्राण से करो,


अथवा ऐसा कौन सम्पन्‍न राष्ट्र है, जिसकी विधियां और नियम ऐसे रीत हैं जैसे इस सारी व्यवस्था के हैं, जो आज मैं तुम्हारे सामने रखने जा रहा हूं?


हमें यह मालूम है कि व्यवस्था भली है—यदि इसका प्रयोग उचित रीति से किया जाए.