“ ‘यदि इस्राएली प्रजा कोई विसंगत कार्य करे, जिसके विषय में सभा अनजान है, और वे उन कार्यों के कारण दोषी ठहरें, जो याहवेह की ओर से मना हैं;
याकूब 2:11 - सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि जिन्होंने यह आज्ञा दी, “व्यभिचार मत करो,” उन्हीं ने यह आज्ञा भी दी है, “हत्या मत करो.” यदि तुम व्यभिचार नहीं करते किंतु किसी की हत्या कर देते हो, तो तुम व्यवस्था के दोषी हो गए. पवित्र बाइबल क्योंकि जिसने यह कहा था, “व्यभिचार मत करो” उस ही ने यह भी कहा था, “हत्या मत करो।” सो यदि तुम व्यभिचार नहीं करते किन्तु हत्या करते हो तो तुम व्यवस्था को तोड़ने वाले हो। Hindi Holy Bible इसलिये कि जिस ने यह कहा, कि तू व्यभिचार न करना उसी ने यह भी कहा, कि तू हत्या न करना इसलिये यदि तू ने व्यभिचार तो नहीं किया, पर हत्या की तौभी तू व्यवस्था का उलंघन करने वाला ठहरा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि जिसने कहा, “व्यभिचार मत करो,” उसने यह भी कहा, “हत्या मत करो।” इसलिए यदि आप व्यभिचार नहीं करते, किन्तु हत्या करते हैं, तो आप व्यवस्था का उल्लंघन करते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये कि जिसने यह कहा, “तू व्यभिचार न करना” उसी ने यह भी कहा, “तू हत्या न करना,” इसलिये यदि तू ने व्यभिचार तो नहीं किया पर हत्या की तौभी तू व्यवस्था का उल्लंघन करनेवाला ठहरा। नवीन हिंदी बाइबल जिसने यह कहा, तू व्यभिचार न करना, उसने यह भी कहा, तू हत्या न करना। अब यदि तू व्यभिचार नहीं करता परंतु हत्या करता है, तो तू व्यवस्था का अपराधी ठहरता है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए कि जिसने यह कहा, “तू व्यभिचार न करना” उसी ने यह भी कहा, “तू हत्या न करना” इसलिए यदि तूने व्यभिचार तो नहीं किया, पर हत्या की तो भी तू व्यवस्था का उल्लंघन करनेवाला ठहरा। (निर्ग. 20:13,14, व्यव. 5:17,18) |
“ ‘यदि इस्राएली प्रजा कोई विसंगत कार्य करे, जिसके विषय में सभा अनजान है, और वे उन कार्यों के कारण दोषी ठहरें, जो याहवेह की ओर से मना हैं;
“इस्राएल की प्रजा को यह आज्ञा दो, ‘यदि कोई व्यक्ति अनजाने में उन कार्यों को करता है, जो याहवेह की व्यवस्थाओं में मना हैं—
“ ‘जब कोई प्रधान पुरुष अनजाने में पाप करता है, यानी वे कार्य करता है, जो याहवेह अपने परमेश्वर की ओर से मना हैं, और जब उसे पाप-बोध होता है,
“कौन से?” उसने येशु से प्रश्न किया. उन्होंने उसे उत्तर दिया, “हत्या मत करो; व्यभिचार मत करो; चोरी मत करो; झूठी गवाही मत दो;
आज्ञा तो तुम्हें मालूम ही हैं: हत्या न करो, व्यभिचार न करो, चोरी न करो, झूठी गवाही न दो, छल न करो, माता-पिता का सम्मान करो.”
आज्ञा तो तुम्हें मालूम ही हैं: व्यभिचार न करना, हत्या न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, अपने माता-पिता का सम्मान करना.”
क्योंकि: व्यभिचार मत करो, हत्या मत करो, चोरी मत करो, लोभ मत करो, तथा इसके अतिरिक्त यदि कोई भी अन्य आज्ञा हो तो उसका सार यही है: अपने पड़ोसी के लिए तुम्हारा प्रेम वैसा ही हो जैसा तुम्हारा स्वयं के लिए है.