प्रशंसनीय हैं वे, जो न्याय का पालन करते हैं, जो सदैव वही करते हैं, जो न्याय संगत ही होता है.
याकूब 1:25 - सरल हिन्दी बाइबल किंतु जिसने निर्दोष व्यवस्था का गहन अध्ययन कर लिया है—जो वस्तुतः स्वतंत्रता का विधान है तथा जो उसी में स्थिर रहता है, वह व्यक्ति सुनकर भूलनेवाला नहीं परंतु समर्थ पालन करनेवाला हो जाता है. ऐसा व्यक्ति अपने हर एक काम में आशीषित होगा. पवित्र बाइबल किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा। Hindi Holy Bible पर जो व्यक्ति स्वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु जो व्यक्ति उस व्यवस्था को, जो पूर्ण है और हमें स्वतन्त्रता प्रदान करती है, ध्यान से देखता और उसका पालन करता रहता है, वह उस श्रोता के सदृश नहीं, जो तुरन्त भूल जाता है, बल्कि वह कर्ता बन जाता और उस व्यवस्था को अपने जीवन में चरितार्थ करता है। वह अपने आचरण के कारण धन्य होगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर जो व्यक्ति स्वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर भूलता नहीं पर वैसा ही काम करता है। नवीन हिंदी बाइबल परंतु जो स्वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान देता और उस पर बना रहता है, वह सुनकर भूलनेवाला नहीं बल्कि उसका पालन करनेवाला होता है; और वह अपने कार्य के कारण आशिष पाएगा। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर जो व्यक्ति स्वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिए आशीष पाएगा कि सुनकर भूलता नहीं, पर वैसा ही काम करता है। |
प्रशंसनीय हैं वे, जो न्याय का पालन करते हैं, जो सदैव वही करते हैं, जो न्याय संगत ही होता है.
मूर्ख जो कुछ सुनता है उस पर विश्वास करता जाता है, किंतु विवेकी व्यक्ति सोच-विचार कर पैर उठाता है.
परमेश्वर की शिक्षा और उनकी चेतावनी से पूछताछ करें. यदि वे लोग सच्चाई की बातों को नहीं मानते तो उनके लिए सुबह का नया दिन नहीं.
किंतु प्रभु येशु ने कहा, “परंतु धन्य वे हैं, जो परमेश्वर के वचन को सुनकर उसका पालन करते हैं.”
जब सभा समाप्त हुई अनेक यहूदी और यहूदी मत में से आए हुए नए विश्वासी पौलॉस तथा बारनबास के साथ हो लिए. पौलॉस तथा बारनबास ने उनसे परमेश्वर के अनुग्रह में स्थिर रहने की विनती की.
वे सभी लगातार प्रेरितों की शिक्षा के प्रति समर्पित होकर, पारस्परिक संगति, प्रभु-भोज की क्रिया और प्रार्थना में लीन रहने लगे.
अब तक मुझे परमेश्वर की सहायता प्राप्त होती रही, जिसके परिणामस्वरूप मैं आप और छोटे-बड़े सभी के सामने उसी सच्चाई के पूरा होने की घोषणा कर रहा हूं जिसका वर्णन मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं ने किया था
परमेश्वर की कृपा तथा उनकी कठोरता पर विचार करो: गिरे हुए लोगों के लिए कठोरता तथा तुम्हारे लिए कृपा—यदि तुम वास्तव में उनकी कृपा की सीमा में बने रहते हो नहीं तो तुम्हें भी काटकर अलग कर दिया जाएगा.
परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी वे नहीं, जो व्यवस्था के सुननेवाले हैं परंतु धर्मी वे हैं, जो व्यवस्था का पालन करनेवाले हैं.
तुम्हें दासत्व की वह आत्मा नहीं दी गई, जो तुम्हें दोबारा भय की ओर ले जाये, परंतु तुम्हें लेपालकपन की आत्मा प्रदान की गई है. इसी की प्रेरणा से हम पुकारते हैं, “अब्बा! पिता!”
क्योंकि मसीह येशु में बसा हुआ, जीवन से संबंधित पवित्र आत्मा की व्यवस्था ने, तुम्हें पाप और मृत्यु की व्यवस्था से मुक्त कर दिया है.
इसलिये मेरे प्रिय भाई बहनो, इस सच्चाई के प्रकाश में कि प्रभु में तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है, तुम प्रभु के काम में उन्नत होते हुए हमेशा दृढ़ तथा स्थिर रहो.
स्वयं को परखो कि तुम विश्वास में हो या नहीं. अपने आपको जांचो! क्या तुम्हें यह अहसास नहीं होता कि मसीह येशु तुममें हैं? यदि नहीं तो तुम कसौटी पर खरे नहीं उतरे.
यह प्रश्न उन पाखंडियों के कारण उठा था, जो हमारे बीच चुपके से घुस आए थे कि मसीह येशु में हमारी स्वतंत्रता का भेद लें और हमें दासत्व में डाल दें.
इसी स्वतंत्रता में बने रहने के लिए मसीह ने हमें स्वतंत्र किया है. इसलिये स्थिर रहो और दोबारा दासत्व के जूए में न जुतो.
कि वास्तव में तुम विश्वास में बने रहो तथा दृढतापूर्वक स्थिर रहते हुए उन्नत होते जाओ, और ईश्वरीय सुसमाचार में बसी आशा न छोड़ो, जिसे तुमने सुना था, जिसकी घोषणा स्वर्ग के नीचे सारी सृष्टि में की गई और मैं, पौलॉस, जिसका सेवक चुना गया.
किंतु स्त्रियां संतान पैदा करने के द्वारा उद्धार प्राप्त करेंगी—यदि वे संयम के साथ विश्वास, प्रेम तथा पवित्रता में स्थिर रहती हैं.
अपने जीवन और शिक्षा का पूरी शक्ति से ध्यान रखो. इसमें लगातार चौकस रहो क्योंकि तुम ऐसा करने के द्वारा दोनों का उद्धार निश्चित करोगे—स्वयं अपना तथा अपने सुननेवालों का.
ध्यान रखो कि कोई भी परमेश्वर के अनुग्रह से वंचित न रह जाए. कड़वी जड़ फूटकर तुम पर कष्ट तथा अनेकों के अशुद्ध होने का कारण न बने.
इसलिये तुम्हारी कथनी और करनी उनके समान हो, जिनका न्याय स्वतंत्रता की व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा,
तुम्हारा स्वभाव स्वतंत्र व्यक्तियों के समान तो हो किंतु तुम अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग बुराई पर पर्दा डालने के लिए नहीं परंतु परमेश्वर के सेवकों के रूप में ही करो.
इसका ध्यान रखो कि तुममें वही शिक्षा स्थिर रहे, जो तुमने प्रारंभ से सुनी है. यदि वह शिक्षा, जो तुमने प्रारंभ से सुनी है, तुममें स्थिर है तो तुम भी पुत्र और पिता में बने रहोगे.
तब मुझे स्वर्ग से एक शब्द यह आज्ञा देता हुआ सुनाई दिया, “लिखो: धन्य होंगे वे मृत, अब से जिनकी मृत्यु प्रभु में होगी.” “सच है!” आत्मा ने पुष्टि की. “वे अपने सारे परिश्रम से विश्राम पाएंगे क्योंकि उनके भले काम उनके साथ हैं.”
“धन्य हैं वे, जिन्होंने अपने वस्त्र धो लिए हैं कि वे द्वार से नगर में प्रवेश कर सकें और जीवन के पेड़ का फल प्राप्त कर सकें.
अब यदि तुम याहवेह के प्रति श्रद्धा और भय की भावना बनाए रखो, उनके प्रति आज्ञाकारी रहकर उन्हीं की वंदना करते रहो तथा उनके आदेशों के प्रति विद्रोही न बनो; साथ ही यदि तुम और तुम पर शासन कर रहा राजा याहवेह तुम्हारे परमेश्वर का अनुसरण करते रहें, तो सभी कुछ भला ही होता रहेगा!