वह तेरी अभिलाषाओं को मात्र उत्कृष्ट वस्तुओं से ही तृप्त करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप तेरी जवानी गरुड़-समान नई हो जाती है.
यहोशू 14:11 - सरल हिन्दी बाइबल मुझमें आज भी वैसा ही बल है, जैसा उस समय था, जब मोशेह ने मुझे वहां भेजा था. युद्ध के लिए मुझमें जैसा बल उस समय था, आज भी उतनी ही ताकत है. पवित्र बाइबल मैं अब भी उतना ही शक्तिशाली हूँ जितना शक्तिशाली मैं उस समय था, जब मूसा ने मुझे भेजा था। मैं उन दिनों की तरह अब भी युद्ध करने को तैयार हूँ। Hindi Holy Bible जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने, वा भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ मे सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं आज भी उतना ही हट्टा-कट्टा हूं जितना उस दिन था, जब मूसा ने मुझे भेद लेने के लिए भेजा था। युद्ध के लिए, युद्ध की अन्य सेवाओं के लिए जितनी शक्ति मुझमें उस समय थी, उतनी आज भी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने, या भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ में सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने और भीतर बाहर आने-जाने के लिये जितनी उस समय मुझ में सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है। |
वह तेरी अभिलाषाओं को मात्र उत्कृष्ट वस्तुओं से ही तृप्त करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप तेरी जवानी गरुड़-समान नई हो जाती है.
हमारी जीवन अवधि सत्तर वर्ष है—संभवतः अस्सी वर्ष, यदि हम बलिष्ठ हैं; हमारी आयु का अधिकांश हम दुःख और कष्ट में व्यतीत करते हैं, हां, ये तीव्र गति से समाप्त हो जाते हैं और हम कूच कर जाते हैं.
परंतु जो याहवेह पर भरोसा रखते हैं वे नया बल पाते जाएंगे. वे उकाबों की नाई उड़ेंगे; वे दौड़ेंगे, किंतु श्रमित न होंगे, चलेंगे, किंतु थकित न होंगे.
“मेरी उम्र एक सौ बीस साल की हो चुकी है; अब मुझमें वह पहले के समान क्षमता नहीं रह गई है. याहवेह ने मुझे आदेश दिया है, ‘तुम इस यरदन नदी को पार नहीं करोगे.’
तुम्हारे फाटकों पर लोहे और कांस्य की शलाकाएं होंगी, तुम्हारा बल उतना ही होगा, जितने होंगे उम्र के साल.
हालांकि मोशेह की उम्र मृत्यु के समय एक सौ बीस साल की थी, न तो उनकी आंखें धुंधली हुई थीं और न ही उनके बल में कोई कमी आई थी.
“जब इस्राएली मरुभूमि में भटक रहे थे, तब याहवेह ने मोशेह को इस बारे में बताया था कि, अपने वायदे के अनुसार याहवेह ने मुझे पैंतालीस वर्ष जीवित रखा है. आज मेरी उम्र पचासी वर्ष की हो चुकी है.