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यशायाह 57:16 - सरल हिन्दी बाइबल

क्योंकि मैं सदा-सर्वदा वाद-विवाद करता न रहूंगा, न ही मैं सर्वदा रुठा रहूंगा, क्योंकि वे आत्माएं मेरी बनायी हुई हैं— और जीव मेरे सामने मूर्छित हो जाते हैं.

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पवित्र बाइबल

मैं सदा—सदा ही मुकद्दमा लड़ता रहूँगा। सदा—सदा ही मैं तो क्रोधित नहीं रहूँगा। यदि मैं कुपित ही रहूँ तो मनुष्य की आत्मा यानी वह जीवन जिसे मैंने उनको दिया है, मेरे सामने ही मर जायेगा।

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Hindi Holy Bible

मैं सदा मुकद्दमा न लड़ता रहूंगा, न सर्वदा क्रोधित रहूंगा; क्योंकि आत्मा मेरे बनाए हुए हैं और जीव मेरे साम्हने मूच्छिर्त हो जाते हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘मैं इस्राएल पर सदा अभियोग नहीं लगाता रहूंगा, और न सदा क्रुद्ध रहूंगा; क्‍योंकि मुझसे आत्‍मा निसृत होता है, मैंने ही जीवन का श्‍वास सृजा है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मैं सदा मुक़द्दमा न लड़ता रहूँगा, न सर्वदा क्रोधित रहूँगा, क्योंकि आत्मा मेरे बनाए हुए हैं और जीव मेरे सामने मूर्च्छित हो जाते हैं।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मैं सदा मुकद्दमा न लड़ता रहूँगा, न सर्वदा क्रोधित रहूँगा; क्योंकि आत्मा मेरे बनाए हुए हैं और जीव मेरे सामने मूर्छित हो जाते हैं।

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यशायाह 57:16
21 क्रॉस रेफरेंस  

यह देखकर याहवेह ने निर्णय लिया, “मेरा आत्मा मनुष्य से हमेशा बहस करता न रहेगा क्योंकि मनुष्य केवल मांस मात्र है, वह 120 वर्ष ही जीवित रहेगा.”


जब विनाशक स्वर्गदूत ने येरूशलेम को ध्वस्त करने के उद्देश्य से उसकी ओर हाथ बढ़ाया, याहवेह ने विनाश का विचार त्याग दिया. उन्होंने उस स्वर्गदूत को, जो मनुष्यों को मार रहा था, कहा, “बस करो अब! अपना हाथ रोक दो!” इस समय स्वर्गदूत यबूसी औरनन के खलिहान के निकट था.


किसका अधिकार है हर एक जीवधारी जीवन पर तथा समस्त मानव जाति के श्वास पर?


क्या हमारे प्रति आपका क्रोध सदैव स्थायी रहेगा? क्या आप अपने क्रोध को सभी पीढ़ियों तक बनाए रखेंगे?


धूल जैसी थी वैसी ही भूमि में लौट जाएगी, और आत्मा परमेश्वर के पास लौट जाएगी जिसने उसे दिया था.


जब तूने उसे निकाला तब सोच समझकर उसे दुःख दिया, पूर्वी हवा के समय उसको आंधी से उड़ा दिया.


याहवेह तुम पर कृपा करने के लिए उठ गए हैं; क्योंकि याहवेह न्यायी परमेश्वर हैं. धन्य हैं वे सब, जो उस पर आशा लगाये रहते हैं!


परमेश्वर, जो याहवेह हैं— जिन्होंने आकाश बनाया तथा पृथ्वी को बढ़ाया और फैलाया, जो पृथ्वी पर पाए जाते हैं, जिन्होंने पृथ्वी के लोगों को श्वास और जीवन उस पर चलने वालों को दिया:


किंतु अब, याहवेह, हमने आपको पिता समान स्वीकारा है. हम तो मात्र मिट्टी हैं, आप हमारे कुम्हार; हम सभी आपके हाथ की रचना हैं.


याहवेह मुझे अनुशासित करिये किंतु सही तरीके से— यह अपने क्रोध में न कीजिए, अन्यथा मैं तो मिट ही जाऊंगा.


क्या आप मुझसे सदैव ही नाराज बने रहेंगे? क्या यह आक्रोश चिरस्थायी बना रहेगा?’ स्मरण रहे, यह तुम्हारा वचन है और तुमने कुकर्म भी किए हैं, तुमने जितनी चाही उतनी मनमानी कर ली है.”


किंतु राजा सीदकियाहू ने गुप्‍त में येरेमियाह से शपथ खाते हुए कहा: “जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने आपको और मुझे जीवन दिया है, यह निश्चित है, कि मैं न तो आपका वध करवाऊंगा न ही आपको इन व्यक्तियों के हाथों में सौंपूंगा, जो आपके प्राण लेने को तैयार हैं.”


हर एक जन मेरा है, माता-पिता के साथ साथ बच्‍चे भी—दोनों एक समान मेरे हैं. इसलिये जो व्यक्ति पाप करता है, वही मरेगा भी.


याहवेह का यह कहना है: “एदोम के तीन पापों के कारण, तीन नहीं वरन चार पापों के कारण, मैं दंड देने से पीछे नहीं हटूंगा. क्योंकि उसने तलवार लेकर अपने भाई को खदेड़ा और देश की महिलाओं को घात किया, क्रोध में वह निरंतर उनका संहार करता गया उसका रोष सदा बना रहा,


आपके जैसा और कौन परमेश्वर है, जो अपने निज भाग के बचे हुओं के पापों और अपराधों को क्षमा करते हैं? आपका क्रोध हमेशा के लिये नहीं होता पर आप दया दिखाने में प्रसन्‍न होते हैं.


एक भविष्यवाणी: इस्राएल के विषय में याहवेह का वचन. याहवेह, जो आकाश को फैलाते हैं, जो पृथ्वी की नींव रखते हैं, और जो मनुष्य के भीतर आत्मा को बनाते हैं, वे यह कहते हैं:


यह सुन वे दोनों मुंह के बल गिर पड़े. उन्होंने याहवेह से विनती की, “परमेश्वर, आप, जो सभी मनुष्यों की आत्माओं के परमेश्वर हैं, क्या आप इस व्यक्ति के पाप का दंड पूरे समाज को दे देंगे?”


इसके अतिरिक्त हमें अनुशासित करने के लिए हमारे शारीरिक पिता हैं, जिनका हम सम्मान करते हैं. परंतु क्या यह अधिक सही नहीं कि हम आत्माओं के पिता के अधीन रहकर जीवित रहें!