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मरकुस 10:19 - सरल हिन्दी बाइबल

आज्ञा तो तुम्हें मालूम ही हैं: हत्या न करो, व्यभिचार न करो, चोरी न करो, झूठी गवाही न दो, छल न करो, माता-पिता का सम्मान करो.”

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पवित्र बाइबल

तू व्यवस्था की आज्ञाओं को जानता है: ‘हत्या मत कर, व्यभिचार मत कर, चोरी मत कर, झूठी गवाही मत दे, छल मत कर, अपने माता-पिता का आदर कर …’”

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Hindi Holy Bible

तू आज्ञाओं को तो जानता है; हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तुम आज्ञाओं को जानते हो : हत्‍या मत करो, व्‍यभिचार मत करो, चोरी मत करो, झूठी गवाही मत दो, किसी को मत ठगो, अपने माता पिता का आदर करो।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तू आज्ञाओं को तो जानता है : ‘हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना’। ”

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नवीन हिंदी बाइबल

आज्ञाओं को तो तू जानता है : हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और माता का आदर करना।”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तू आज्ञाओं को तो जानता है: ‘हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।’” (निर्ग. 20:12-16, रोम. 13:9)

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मरकुस 10:19
16 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्वर की शिक्षा और उनकी चेतावनी से पूछताछ करें. यदि वे लोग सच्चाई की बातों को नहीं मानते तो उनके लिए सुबह का नया दिन नहीं.


मसीह येशु ने उससे कहा, “उत्तम मुझे क्यों कह रहे हो? परमेश्वर के अलावा उत्तम कोई भी नहीं है.


आज्ञा तो तुम्हें मालूम ही हैं: व्यभिचार न करना, हत्या न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, अपने माता-पिता का सम्मान करना.”


क्योंकि: व्यभिचार मत करो, हत्या मत करो, चोरी मत करो, लोभ मत करो, तथा इसके अतिरिक्त यदि कोई भी अन्य आज्ञा हो तो उसका सार यही है: अपने पड़ोसी के लिए तुम्हारा प्रेम वैसा ही हो जैसा तुम्हारा स्वयं के लिए है.


क्योंकि सिर्फ व्यवस्था के पालन करने के द्वारा कोई भी व्यक्ति परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी घोषित नहीं होगा. व्यवस्था के द्वारा सिर्फ यह अहसास होता है कि पाप क्या है.


मुझे यह बताओ: तुम, जो व्यवस्था के अधीन रहना चाहते हो, क्या तुम वास्तव में व्यवस्था का पालन नहीं करते?


क्योंकि सारी व्यवस्था का सार सिर्फ एक वाक्य में छिपा हुआ है: “जैसे तुम स्वयं से प्रेम करते हो, वैसे ही अपने पड़ोसी से भी प्रेम करो.”


इस विषय में कोई भी सीमा उल्लंघन कर अपने साथी विश्वासी का शोषण न करे क्योंकि इन सब विषयों में स्वयं प्रभु बदला लेते हैं, जैसे हमने पहले ही यह स्पष्ट करते हुए तुम्हें गंभीर चेतावनी भी दी थी.


क्योंकि जिन्होंने यह आज्ञा दी, “व्यभिचार मत करो,” उन्हीं ने यह आज्ञा भी दी है, “हत्या मत करो.” यदि तुम व्यभिचार नहीं करते किंतु किसी की हत्या कर देते हो, तो तुम व्यवस्था के दोषी हो गए.