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मत्ती 27:1 - सरल हिन्दी बाइबल

प्रातःकाल सभी प्रधान पुरोहितों तथा पुरनियों ने आपस में येशु को मृत्यु दंड देने की सहमति की.

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पवित्र बाइबल

अलख सुबह सभी प्रमुख याजकों और यहूदी बुज़ुर्ग नेताओं ने यीशु को मरवा डालने के लिए षड्‌यन्त्र रचा।

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Hindi Holy Bible

जब भोर हुई, तो सब महायाजकों और लोगों के पुरनियों ने यीशु के मार डालने की सम्मति की।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब प्रात:काल हुआ तब सब महापुरोहितों और समाज के धर्मवृद्धों ने परस्‍पर परामर्श किया कि येशु को मार डाला जाए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब भोर हुई तो सब प्रधान याजकों और लोगों के पुरनियों ने यीशु को मार डालने की सम्मति की।

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नवीन हिंदी बाइबल

जब भोर हुआ, तो सब मुख्य याजकों और लोगों के धर्मवृद्धों ने यीशु के विरुद्ध सम्मति की, कि उसे मार डालें;

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब भोर हुई, तो सब प्रधान याजकों और लोगों के प्राचीनों ने यीशु के मार डालने की सम्मति की।

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मत्ती 27:1
16 क्रॉस रेफरेंस  

याहवेह तथा उनके अभिषिक्त के विरोध में संसार के राजाओं ने एका किया है एकजुट होकर शासक सम्मति कर रहे हैं:


अनेकों का फुसफुस करना मैं सुन रहा हूं; “आतंक ने मुझे चारों ओर से घेर लिया है!” वे मेरे विरुद्ध सम्मति रच रहे हैं, वे मेरे प्राण लेने के लिए तैयार हो गए हैं.


क्योंकि मेरे शत्रुओं ने मेरे विरुद्ध स्वर उठाना प्रारंभ कर दिया है; जो मेरे प्राण लेने चाहते हैं, वे मेरे विरुद्ध षड़्‍यंत्र रच रहे हैं.


धिक्कार है उन पर जो बुरे कार्यों की योजना बनाते रहते हैं, जो अपने बिछौने पर पड़े हुए षड़्‍यंत्र रचते हैं! पौ फटते ही अपनी युक्ति को पूरा करते हैं क्योंकि सत्ता उनके हाथ होती है.


“धिक्कार है तुम पर पाखंडी, फ़रीसियो, शास्त्रियो! जनसाधारण के लिए तो तुम स्वर्ग-राज्य के द्वार बंद कर देते हो. तुम न तो स्वयं इसमें प्रवेश करते हो और न ही किसी अन्य को प्रवेश करने देते हो. [


भोर होते ही प्रधान पुरोहितों, नेतागण तथा शास्त्रियों ने सारी महासभा का सत्र बुलाकर विचार किया और मसीह येशु को, जो अभी भी बंधे हुए थे, ले जाकर पिलातॉस को सौंप दिया.


उसी समय वहां उपस्थित कुछ लोगों ने प्रभु येशु को उन गलीलवासियों की याद दिलायी, जिनका लहू पिलातॉस ने उन्हीं के बलिदानों में मिला दिया था.


पौ फटने पर पुरनिये लोगों ने प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों की एक सभा बुलाई और प्रभु येशु को महासभा में ले गए.


पौ फटते ही यहूदी अगुएं मसीह येशु को कायाफ़स के पास से राजमहल ले गए; किंतु उन्होंने स्वयं भवन में प्रवेश नहीं किया कि कहीं वे फ़सह भोज के पूर्व सांस्कारिक रूप से अशुद्ध न हो जाएं.


इस पर वे प्रातःकाल मंदिर में जाकर शिक्षा देने लगे. महापुरोहित तथा उनके मंडल के वहां इकट्ठा होने पर उन्होंने समिति का अधिवेशन आमंत्रित किया. इसमें इस्राएल की महासभा को भी शामिल किया गया और आज्ञा दी गई कि कारावास में बंदी प्रेरित उनके सामने प्रस्तुत किए जाएं


अज्जावासियों को बताया गया: “शिमशोन यहां आया हुआ है.” यह सुन उन्होंने उस स्थान को घेर लिया और सारी रात नगर के फाटक पर घात लगाए बैठे रहे. सारी रात वे चुपचाप रहे. उनकी योजना थी: “हम सुबह होने का इंतजार करेंगे, और भोर में हम उसकी हत्या कर देंगे.”


रात में ही शाऊल ने दावीद के आवास पर इस आदेश के साथ पहरेदार चुन लिए, कि प्रातः होते ही दावीद की हत्या कर दी जाए. उनकी पत्नी मीखल ने उन्हें चेतावनी दी, “यदि आप रात ही रात में अपनी सुरक्षा का काम न करें, कल आप मरे हुए पाए जाएंगे.”