मत्ती 18:28 - सरल हिन्दी बाइबल
“उस मुक्त हुए दास ने बाहर जाते ही उस दास को जा पकड़ा जिसने उससे सौ दीनार कर्ज़ लिए थे. उसने उसे पकड़कर उसका गला घोंटते हुए कहा, ‘मुझसे जो कर्ज़ लिया है, उसे लौटा दे!’
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“फिर जब वह दास वहाँ से जा रहा था, तो उसे उसका एक साथी दास मिला जिसे उसे कुछ रूपये देने थे। उसने उसका गिरहबान पकड़ लिया और उसका गला घोटते हुए बोला, ‘जो तुझे मेरा देना है, लौटा दे!’
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परन्तु जब वह दास बाहर निकला, तो उसके संगी दासों में से एक उस को मिला, जो उसके सौ दीनार धारता था; उस ने उसे पकड़कर उसका गला घोंटा, और कहा; जो कुछ तू धारता है भर दे।
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जब वह सेवक बाहर निकला, तब वह अपने एक सह-सेवक से मिला, जिस पर उसका लगभग एक सौ चाँदी के सिक्कों का कर्ज था। उसने उसे पकड़ लिया और उसका गला दबा कर कहा, ‘अपना कर्ज चुका दो।’
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“परन्तु जब वह दास बाहर निकला, तो उसके संगी दासों में से एक उस को मिला जो उसके सौ दीनार का क़र्जदार था; उसने उसे पकड़कर उसका गला घोंटा और कहा, ‘जो कुछ तुझ पर क़र्ज है भर दे।’
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परंतु जब वह दास बाहर निकला तो उसे अपना एक संगी दास मिला जो उसके एक सौ दीनारका ऋणी था; तब वह उसे पकड़कर उसका गला दबाने लगा और कहा, ‘तुझ पर जो भी ऋण है, उसे चुका दे।’
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“परन्तु जब वह दास बाहर निकला, तो उसके संगी दासों में से एक उसको मिला, जो उसके सौ दीनार का कर्जदार था; उसने उसे पकड़कर उसका गला घोंटा और कहा, ‘जो कुछ तुझ पर कर्ज है भर दे।’
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