एक लंबे समय के बाद, तीसरे साल में एलियाह को याहवेह का यह आदेश प्राप्त हुआ: “जाओ, स्वयं को अहाब के सामने पेश करो. मैं पृथ्वी पर बारिश भेज रहा हूं.”
भजन संहिता 135:7 - सरल हिन्दी बाइबल पृथ्वी के छोर से उन्हीं के द्वारा बादल उठाए जाते हैं; वही वृष्टि के साथ बिजलियां उत्पन्न करते हैं तथा अपने भण्डार-गृहों से हवा को प्रवाहित कर देते हैं. पवित्र बाइबल परमेश्वर धरती पर सब कहीं मेघों को रचता है। परमेश्वर बिजली और वर्षा को रचता है। परमेश्वर हवा को रचता है। Hindi Holy Bible वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है, और वर्षा के लिये बिजली बनाता है, और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह पृथ्वी के छोर से बादल उठाता है, वह वर्षा के लिए विद्युत चमकाता है, वह अपने स्वर्गिक भण्डार-गृहों से पवन बहाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है, और वर्षा के लिये बिजली बनाता है, और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है। नवीन हिंदी बाइबल वह पृथ्वी की छोर से बादल उठाता है, और वर्षा भेजने के साथ-साथ बिजली चमकाता है, और पवन को अपने भंडार में से निकालता है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है, और वर्षा के लिये बिजली बनाता है, और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है। |
एक लंबे समय के बाद, तीसरे साल में एलियाह को याहवेह का यह आदेश प्राप्त हुआ: “जाओ, स्वयं को अहाब के सामने पेश करो. मैं पृथ्वी पर बारिश भेज रहा हूं.”
याहवेह आदेश देते थे और बवंडर उठ जाता था, जिसके कारण समुद्र पर ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगती थीं.
स्वर्ग से उन्होंने पूर्वी हवा प्रवाहित की, अपने सामर्थ्य में उन्होंने दक्षिणी हवा भी प्रवाहित की.
उनके स्वर उच्चारण से आकाश के जल में हलचल मच जाती है; वही हैं जो चारों ओर से मेघों का आरोहण बनाया करते हैं. वह वृष्टि के लिए बिजली को अधीन करते हैं तथा अपने भण्डारगृह से पवन को चलाते हैं.
क्या जनताओं के देवताओं में कोई ऐसा है, जो वृष्टि दे सके? अथवा क्या वृष्टि आकाश से स्वयमेव ही हो जाती है? याहवेह, हमारे परमेश्वर, क्या आप ही वृष्टि के बनानेवाले नहीं? हमारा भरोसा आप पर ही है, क्योंकि आप ही हैं जिन्होंने यह सब बनाया है.
उनके नाद उच्चारण से आकाश के जल में हलचल मच जाती है; वही हैं जो चारों ओर से मेघों का आरोहण बनाया करते हैं. वह वृष्टि के लिए बिजली को अधीन करते हैं तथा अपने भण्डारगृह से पवन को चलाते हैं.
तब याहवेह ने समुद्र पर एक प्रचंड आंधी चलाई, और सतह पर ऐसा भयंकर तूफान उठा कि पानी जहाज़ के टूटने की स्थिति उत्पन्न हो गई.
याहवेह से विनती करो कि वह वसन्त ऋतु में वर्षा भेजें; यह याहवेह ही है जो बादलों को गरजाते और आंधी लाते है. वह सब लोगों को वर्षा देते, और हर एक के लिए खेत में पौधा उपजाते हैं.
जिस प्रकार वायु जिस ओर चाहती है, उस ओर बहती है. आप उसकी ध्वनि तो सुनते हैं किंतु यह नहीं बता सकते कि वह किस ओर से आती और किस ओर जाती है. आत्मा से पैदा व्यक्ति भी ऐसा ही है.”