वे आपस में विचार करने लगे, “मार्ग में जब वह हमसे बातचीत कर रहे थे और पवित्र शास्त्र की व्याख्या कर रहे थे तो हमारे मन में उत्तेजना हुई थी न!”
प्रेरितों के काम 17:3 - सरल हिन्दी बाइबल और सबूतों के साथ समझाते रहे कि यह निर्धारित ही था कि मसीह सताहट सहते हुए मरे हुओं में से पुनर्जीवित हों. तब उन्होंने घोषणा की, “यही येशु, जिनका वर्णन मैं कर रहा हूं, वह मसीह हैं.” पवित्र बाइबल और शास्त्रों से लेकर उन्हें समझाते हुए यह सिद्ध करता रहा कि मसीह को यातनाएँ झेलनी ही थीं और फिर उसे मरे हुओं में से जी उठना था। वह कहता, “यह यीशु ही, जिसका मैं तुम्हारे बीच प्रचार करता हूँ, मसीह है।” Hindi Holy Bible और उन का अर्थ खोल खोलकर समझाता था, कि मसीह को दुख उठाना, और मरे हुओं में से जी उठना, अवश्य था; और यही यीशु जिस की मैं तुम्हें कथा सुनाता हूं, मसीह है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह प्रमाणित किया कि मसीह के लिए दु:ख भोगना और मृतकों में से जी उठना आवश्यक था। उन्होंने यह भी कहा, “येशु ही, जिनका मैं आप लोगों के बीच प्रचार करता हूँ, मसीह हैं।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उनका अर्थ खोल खोलकर समझाता था कि मसीह को दु:ख उठाना, और मरे हुओं में से जी उठना, अवश्य था; और “यही यीशु जिसकी मैं तुम्हें कथा सुनाता हूँ, मसीह है।” नवीन हिंदी बाइबल और यह समझाता और प्रकट करता रहा कि मसीह का दुःख उठाना और मृतकों में से जी उठना अवश्य था, और “जिस यीशु का प्रचार मैं तुम्हारे बीच करता हूँ, वही मसीह है।” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उनका अर्थ खोल-खोलकर समझाता था कि मसीह का दुःख उठाना, और मरे हुओं में से जी उठना, अवश्य था; “यही यीशु जिसकी मैं तुम्हें कथा सुनाता हूँ, मसीह है।” |
वे आपस में विचार करने लगे, “मार्ग में जब वह हमसे बातचीत कर रहे थे और पवित्र शास्त्र की व्याख्या कर रहे थे तो हमारे मन में उत्तेजना हुई थी न!”
तब प्रभु येशु ने उनसे कहा, “तुम्हारे साथ रहते हुए मैंने तुम लोगों से यही कहा था: वह सब पूरा होना ज़रूरी है, जो मेरे विषय में मोशेह की व्यवस्था, भविष्यद्वक्ताओं के लेख तथा भजन की पुस्तकों में लिखा गया है.”
और उनसे कहा, “यह लिखा है कि मसीह यातनाएं सहे और तीसरे दिन मरे हुओं में से दोबारा जीवित किया जाए,
(वे अब तक पवित्र शास्त्र की यह बात समझ नहीं पाए थे कि मसीह येशु का मरे हुओं में से जी उठना ज़रूर होगा.)
एक दिन मसीह येशु ने उन्हें इकट्ठा कर आज्ञा दी, “येरूशलेम उस समय तक न छोड़ना, जब तक मेरे पिता (परमेश्वर) द्वारा की गई प्रतिज्ञा, जिसका वर्णन मैं कर चुका हूं, पूरी न हो जाए.
क्योंकि वह सार्वजनिक रूप से यहूदियों का खंडन करते और पवित्र शास्त्र के आधार पर प्रमाणित करते थे कि येशु ही वह मसीह हैं.
जब मकेदोनिया से सीलास और तिमोथियॉस वहां आए तो पौलॉस मात्र वचन की शिक्षा देने के प्रति समर्पित हो गए और यहूदियों के सामने यह साबित करने लगे कि येशु ही वह मसीह हैं.
किंतु परमेश्वर ने सभी भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा यह पहले से ही घोषणा कर दी थी कि उनके मसीह के लिए यह यातना निर्धारित है. यह उसी की पूर्ति है.
किंतु शाऊल सामर्थ्यी होते चले गए और दमिश्क के यहूदियों के सामने यह प्रमाणित करते हुए कि येशु ही मसीह हैं, उन्हें निरुत्तर करते रहे.
निर्बुद्धि गलातियो! किसने तुम्हें सम्मोहित कर दिया? तुम्हारे सामने तो मसीह येशु को साफ़-साफ़ क्रूस पर दिखाया गया था.