ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




प्रकाशितवाक्य 9:19 - सरल हिन्दी बाइबल

उन घोड़ों की क्षमता उनके मुंह तथा पूंछ में मौजूद थी क्योंकि उनकी पूंछें सिर वाले सांपों के समान थी, जिनके द्वारा वे पीड़ा देते थे.

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

इन घोड़ों की शक्ति उनके मुख और उनकी पूँछों में निहित थी क्योंकि उनकी पूँछें सिरदार साँपों के समान थी जिनका प्रयोग वे मनुष्यों को हानि पहुँचाने के लिए करते थे।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

क्योंकि उन घोड़ों की सामर्थ उन के मुंह, और उन की पूंछों में थी; इसलिये कि उन की पूंछे सांपों की सी थीं, और उन पूंछों के सिर भी थे, और इन्हीं से वे पीड़ा पहुंचाते थे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

क्‍योंकि उन घोड़ों का सामर्थ्य उनके मुँह में ही नहीं, उनकी पूँछ में भी था। उनकी पूँछें साँपों के सदृश थीं, जिनके अपने सिर थे और वे उन से भी हानि पहुँचाते थे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि उन घोड़ों की सामर्थ्य उनके मुँह और उनकी पूंछों में थी; इसलिये कि उनकी पूंछें साँपों जैसी थीं, और उन पूंछों के सिर भी थे और इन्हीं से वे पीड़ा पहुँचाते थे।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

उन घोड़ों का बल उनके मुँह और उनकी पूँछों में था। उनकी पूँछें साँपों के समान थीं, और उनमें सिर भी थे। इन्हीं से वे हानि पहुँचाते थे।

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि उन घोड़ों की सामर्थ्य उनके मुँह, और उनकी पूँछों में थी; इसलिए कि उनकी पूँछे साँपों की जैसी थीं, और उन पूँछों के सिर भी थे, और इन्हीं से वे पीड़ा पहुँचाते थे।

अध्याय देखें



प्रकाशितवाक्य 9:19
5 क्रॉस रेफरेंस  

सिर तो वह प्रतिष्ठित और बुज़ुर्ग व्यक्ति है, और पूंछ वह भविष्यद्वक्ता जो झूठी बात सिखाता है.


तब हम बालक न रहेंगे, जो समुद्री लहरों जैसे इधर-उधर उछाले व फेंके जाते तथा मनुष्यों की ठग विद्या की आंधी और मनुष्य की चतुराइयों द्वारा बहाए जाते हैं.


उनकी पूंछ बिच्छू के डंक के समान थी और उनकी पूंछ में ही मनुष्यों को पांच माह तक पीड़ा देने की क्षमता थी.


उनके मुंह से निकल रही तीन महामारियों—आग, गंधक तथा धुएं से एक तिहाई मनुष्य नाश हो गए,


शेष मनुष्यों ने, जो इन महामारियों से नाश नहीं हुए थे, अपने हाथों के कामों से मन न फिराया—उन्होंने दुष्टात्माओं तथा सोने, चांदी, कांसे, पत्थर और लकड़ी की मूर्तियों की, जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं और न ही चल सकती हैं, उपासना करना न छोड़ा