“क्या तुमने कभी हिम के भंडार में प्रवेश किया है, अथवा क्या तुमने कभी हिम के भण्डारगृह देखे हैं,
प्रकाशितवाक्य 16:21 - सरल हिन्दी बाइबल आकाश से मनुष्यों पर विशालकाय ओले बरसने लगे और एक-एक ओला लगभग पैंतालीस किलो का था. ओलों की इस विपत्ति के कारण लोग परमेश्वर को शाप देने लगे क्योंकि यह विपत्ति बहुत असहनीय थी. पवित्र बाइबल चालीस चालीस किलो के ओले, आकाश से लोगों पर पड़ रहे थे। ओलों के इस महाविनाश के कारण लोग परमेश्वर को कोस रहे थे क्योंकि यह एक भयानक विपत्ति थी। Hindi Holy Bible और आकाश से मनुष्यों पर मन मन भर के बड़े ओले गिरे, और इसलिये कि यह विपत्ति बहुत ही भारी थी, लोगों ने ओलों की विपत्ति के कारण परमेश्वर की निन्दा की॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आकाश से मन-मन भर के बड़े ओले मनुष्यों पर गिरे। ओला-वृष्टि की विपत्ति के कारण मनुष्यों ने परमेश्वर की निन्दा की, क्योंकि वह विपत्ति बहुत भारी थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) आकाश से मनुष्यों पर मन–मन भर के बड़े ओले गिरे, और इसलिये कि यह विपत्ति बहुत ही भारी थी, लोगों ने ओलों की विपत्ति के कारण परमेश्वर की निन्दा की। नवीन हिंदी बाइबल आकाश से लोगों के ऊपर मन-मन भर के बड़े ओले गिरे, और ओलों की उस विपत्ति के कारण लोगों ने परमेश्वर की निंदा की, क्योंकि यह विपत्ति अत्यंत भारी थी। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और आकाश से मनुष्यों पर मन-मन भर के बड़े ओले गिरे, और इसलिए कि यह विपत्ति बहुत ही भारी थी, लोगों ने ओलों की विपत्ति के कारण परमेश्वर की निन्दा की। |
“क्या तुमने कभी हिम के भंडार में प्रवेश किया है, अथवा क्या तुमने कभी हिम के भण्डारगृह देखे हैं,
उन ओलों को जिन्हें मैंने पीड़ा के समय के लिए रखा हुआ है युद्ध तथा संघर्ष के दिनों के लिए?
अब देखना, कल इसी समय मैं बड़े-बड़े ओले बरसाऊंगा—ऐसा मिस्र देश में आज तक नहीं देखा गया है,
याहवेह ने मोशेह को आदेश दिया, “अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाओ, ताकि पूरे मिस्र देश पर, मनुष्य एवं पशु, और मैदान के हर एक वृक्ष पर ओले गिरना शुरू हो जाएं.”
तब याहवेह अपनी प्रतापमय वाणी सुनायेंगे और स्वर्ग से उनका बल उनके प्रचंड क्रोध, भस्म करनेवाली आग, भारी वर्षा और ओलों के द्वारा दिखाई देगा.
वे इस देश से बहुत दुःखी और भूखे होकर निकलेंगे और जब वे भूखे होंगे वे क्रोधित हो जाएंगे, वे क्रोध में अपना मुंह आकाश की ओर उठाकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को शाप देंगे.
इसलिये जो इस पर चूना पोत देते हैं, उनसे कहो कि यह गिर जाएगी. मूसलाधार वर्षा होगी, और मैं ओलावृष्टि करूंगा, जो दीवार को गिरा देगी, और भयंकर आंधी चलेगी.
“ ‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं अपने कोप में भयंकर आंधी लाऊंगा, और अपने क्रोध में भयंकर विनाश के साथ ओलावृष्टि और मूसलाधार वर्षा कराऊंगा.
वे इस्राएलियों से बेथ-होरोन की ढलान तक भागते रहे, याहवेह ने उन पर अज़ेका से बड़े-बड़े पत्थर समान ओले फैंके, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. और जो ओले से मरे वे कम थे, लेकिन तलवार से मारे गए लोग ज्यादा थे.
तब परमेश्वर का मंदिर, जो स्वर्ग में है, खोल दिया गया और उस मंदिर में उनकी वाचा का संदूक दिखाई दिया. उसी समय बिजली कौंधी, गड़गड़ाहट तथा बादलों का गरजना हुआ, एक भीषण भूकंप आया और बड़े-बड़े ओले पड़े.
पीड़ा और फोड़ों के कारण वे स्वर्ग के परमेश्वर को शाप देने लगे. उन्होंने अपने कुकर्मों से पश्चाताप करने से इनकार किया.
इसलिये मनुष्य उस बहुत गर्म ताप से झुलस गए और वे परमेश्वर के नाम की, जिन्हें इन सब विपत्तियों पर अधिकार है, शाप देने लगे. उन्होंने पश्चाताप कर परमेश्वर की महिमा करने से इनकार किया.
जब पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी तो आग और ओले उत्पन्न हुए, जिनमें लहू मिला हुआ था. उन्हें पृथ्वी पर फेंक दिया गया. परिणामस्वरूप एक तिहाई पृथ्वी जल उठी, एक तिहाई पेड़ भस्म हो गए तथा सारी हरी घास भी.