जो प्रमुखों से प्रभावित होकर उनका पक्ष नहीं करता, जो न दीनों को तुच्छ समझ धनाढ्यों को सम्मान देता है, क्योंकि उनमें यह बोध प्रबल रहता है दोनों ही एक परमेश्वर की कृति हैं?
नीतिवचन 18:5 - सरल हिन्दी बाइबल दुष्ट का पक्ष लेना उपयुक्त नहीं और न धर्मी को न्याय से वंचित रखना. पवित्र बाइबल दुष्ट जन का पक्ष लेना और निर्दोष को न्याय से वंचित रखना उचित नहीं होता। Hindi Holy Bible दुष्ट का पक्ष करना, और धर्मी का हक मारना, अच्छा नहीं है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दुर्जन का पक्ष लेना, और धार्मिक मनुष्य के साथ न्याय न करना अनुचित है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दुष्ट का पक्ष करना, और धर्मी का हक़ मारना, अच्छा नहीं है। नवीन हिंदी बाइबल दुष्ट का पक्ष लेना और धर्मी को न्याय से वंचित रखना, अच्छा नहीं है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दुष्ट का पक्ष करना, और धर्मी का हक़ मारना, अच्छा नहीं है। |
जो प्रमुखों से प्रभावित होकर उनका पक्ष नहीं करता, जो न दीनों को तुच्छ समझ धनाढ्यों को सम्मान देता है, क्योंकि उनमें यह बोध प्रबल रहता है दोनों ही एक परमेश्वर की कृति हैं?
याहवेह की दृष्टि में दोनों ही घृणित हैं; वह, जो दोषी को छोड़ देता है तथा जो धर्मी को दोषी घोषित कर देता है.
यह कदापि उपयुक्त नहीं है कि किसी धर्मी को दंड दिया जाए, और न किसी सज्जन पर प्रहार किया जाए.
पक्षपात भयावह होता है. फिर भी यह संभव है कि मनुष्य मात्र रोटी के एक टुकड़े को प्राप्त करने के लिए अपराध कर बैठे.
न्याय को छोड़ दिया है, तथा धर्म दूर खड़ा हुआ है; क्योंकि सत्य तो मार्ग में गिर गया है, तथा सीधाई प्रवेश नहीं कर पाती है.
“ ‘तुम निर्णय देने में अन्याय न करना; तुम दरिद्र के प्रति भेद-भाव न करना, न ही ऊंचे लोगों का सम्मान तुम्हारे निर्णय को प्रभावित करने पाए, परंतु तुम अपने पड़ोसी का सही प्रकार से न्याय करना.
हे याकोब के अगुओ, हे इस्राएल के शासको, यह बात सुनो, तुम जो न्याय को तुच्छ समझते हो और सब सही बातों को बिगाड़ते हो;
उनके हाथ बुराई के काम करने में माहिर हैं; शासन करनेवाले उपहार की मांग करते हैं, न्यायाधीश घूस लेते हैं, शक्तिशाली लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति बलपूर्वक करते हैं, वे सब मिलकर षड़्यंत्र रचते हैं.
उन्होंने येशु के पास हेरोदेस समर्थकों को इस प्रश्न के साथ भेजा: “गुरुवर, हमें यह तो मालूम है कि आप सच्चे हैं, तथा परमेश्वर के राज्य की शिक्षा पूरी सच्चाई में ही देते हैं. आप में कहीं कोई भेद-भाव नहीं है, और आप किसी मनुष्य के प्रभाव में नहीं आते.
तुम न्याय में विकृति न आने दोगे; तुम भेद-भाव नहीं करोगे और घूस नहीं लोगे; क्योंकि घूस बुद्धिमानों को अंधा कर देती और धर्मियों के शब्दों को खराब कर देती है.