इस प्रकार मिस्रियों ने इस्राएलियों के जीवन को दुःखपूर्ण कर दिया. उन्हें गारे तथा ईंट के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी. सभी कामों में उन्हें दुःखी कर सताया जाता था.
निर्गमन 5:14 - सरल हिन्दी बाइबल इस्राएलियों के ऊपर नियुक्त फ़रोह के दास-स्वामियों ने इस्राएली निरीक्षकों की पिटाई की और उनसे ईंटों की गिनती पूछते रहे! पवित्र बाइबल मिस्री दास स्वामियों ने हिब्रू कार्य—प्रबन्धक चुन रखे थे और उन्हें लोगों के काम का उत्तरदायी बना रखा था। मिस्री दास स्वामी इन कार्य—प्रबन्धकों को पीटते थे और उनसे कहते थे, “तुम उतनी ही ईंटें क्यों नहीं बनाते जितनी पहले बना रहे थे। जब तुम यह काम पहले कर सकते थे तो तुम इसे अब भी कर सकते हो।” Hindi Holy Bible और इस्राएलियों में से जिन सरदारों को फिरौन के परिश्रम कराने वालों ने उनका अधिकारी ठहराया था, उन्होंने मार खाई, और उन से पूछा गया, कि क्या कारण है कि तुम ने अपनी ठहराई हुई ईंटों की गिनती के अनुसार पहिले की नाईं कल और आज पूरी नहीं कराई? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएलियों के मेटों को भी, जिन्हें फरओ के बेगार करवाने वालों ने उन पर नियुक्त किया था, पीटा गया और उनसे पूछा गया, ‘जैसा तुम अब तक करते थे, वैसा निश्चित संख्या में ईंटें बनवाने के लिए कल और आज तुमने अपना काम क्यों नहीं किया?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और इस्राएलियों में से जिन सरदारों को फ़िरौन के परिश्रम करानेवालों ने उनका अधिकारी ठहराया था, उन्होंने मार खाई और उनसे पूछा गया, “क्या कारण है कि तुम ने अपनी ठहराई हुई ईंटों की गिनती के अनुसार पहले के समान कल और आज पूरी नहीं कराई?” नवीन हिंदी बाइबल इस्राएलियों के उन सरदारों को जिन्हें फ़िरौन के परिश्रम करानेवालों ने उन पर अधिकारी ठहराया था, पीटा गया और उनसे पूछा गया, “तुमने पहले के समान ईंटों की अपनी निर्धारित संख्या को कल और आज क्यों नहीं पूरा कराया?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और इस्राएलियों में से जिन सरदारों को फ़िरौन के परिश्रम करानेवालों ने उनका अधिकारी ठहराया था, उन्होंने मार खाई, और उनसे पूछा गया, “क्या कारण है कि तुम ने अपनी ठहराई हुई ईंटों की गिनती के अनुसार पहले के समान कल और आज पूरी नहीं कराई?” |
इस प्रकार मिस्रियों ने इस्राएलियों के जीवन को दुःखपूर्ण कर दिया. उन्हें गारे तथा ईंट के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी. सभी कामों में उन्हें दुःखी कर सताया जाता था.
काम करनेवालों की देखरेख करनेवाले उन पर ज्यादा दबाव डालते हुए कहने लगे, “ईंटों की गिनती में कमी नहीं होनी चाहिए, पहले जितनी बनाते थे उतनी ही अब भी बनानी हैं.”
इन सब सताव के कारण इस्राएलियों का पर्यवेक्षक फ़रोह के पास जाकर पूछने लगे, “आप सेवकों से ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं?
इसलिये प्रभु, सेनाओं के याहवेह यों कहते हैं: “हे ज़ियोन में रहनेवाले, अश्शूरियों से न डरना; चाहे वे सोंटे से और लाठी से तुम्हें मारें.