तीसरे दिन योसेफ़ ने उनसे कहा, “यदि जीवित रहना चाहते हो, तो तुम्हें यह करना होगा; क्योंकि मुझमें परमेश्वर का भय है:
नहेम्याह 7:2 - सरल हिन्दी बाइबल मैंने अपने भाई हनानी और गढ़ के हाकिम हननियाह को येरूशलेम का अधिकारी ठहरा दिया, क्योंकि हननियाह विश्वासयोग्य व्यक्ति था और वह परमेश्वर का बहुत भय मानने वाला व्यक्ति था. पवित्र बाइबल इसके बाद मैंने अपने भाई हनानी को यरूशलेम का हाकिम नियुक्त कर दिया। मैंने हनन्याह नाम के एक और व्यक्ति को चुना और उसे किलेदार नियुक्त कर दिया। मैंने हनानी को इसलिए चुना था कि वह बहुत ईमानदार व्यक्ति था तथा वह परमेश्वर से आम लोगों से कहीं अधिक डरता था। Hindi Holy Bible तब मैं ने अपने भाई हनानी और राजगढ़ के हाकिम हनन्याह को यरूशलेम का अधिकारी ठहराया, क्योंकि यह सच्चा पुरुष और बहुतेरों से अधिक परमेश्वर का भय मानने वाला था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब मैंने अपने भाई हनानी और राजगढ़ के प्रशासक हनन्याह के हाथ में यरूशलेम नगर का प्रबन्ध सौंप दिया। हनन्याह अनेक लोगों से कहीं अधिक विश्वसनीय और परमेश्वर-भक्त व्यक्ति था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने अपने भाई हनानी और राजगढ़ के हाकिम हनन्याह को यरूशलेम का अधिकारी ठहराया, क्योंकि यह सच्चा पुरुष और बहुतेरों से अधिक परमेश्वर का भय माननेवाला था। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने अपने भाई हनानी और राजगढ़ के हाकिम हनन्याह को यरूशलेम का अधिकारी ठहराया, क्योंकि यह सच्चा पुरुष और बहुतेरों से अधिक परमेश्वर का भय माननेवाला था। |
तीसरे दिन योसेफ़ ने उनसे कहा, “यदि जीवित रहना चाहते हो, तो तुम्हें यह करना होगा; क्योंकि मुझमें परमेश्वर का भय है:
इस्राएल के परमेश्वर ने, इस्राएल की चट्टान ने मुझसे कहा, ‘वह, जो मनुष्यों पर न्याय के साथ शासन करता है, परमेश्वर की श्रद्धा में शासन करता है,
मैं जैसे ही यहां आपको छोड़कर जाऊंगा, याहवेह के आत्मा आपको न जाने कहां ले जाएंगे. और जब मैं अहाब को सूचना दूंगा और वह आपको यहां नहीं पाएंगे, वह तो मुझे मृत्यु दंड दे देंगे, जबकि मैं आपका सेवक बचपन से याहवेह के लिए भय रखता आया हूं.
यहूदिया से कुछ लोग मेरे एक रिश्तेदार हनानी के साथ आए; मैंने उनसे येरूशलेम के बारे में और उन यहूदियों के बारे में जानकारी पाई, जो बंधुआई से बच निकले थे और जो अब जीवित थे.
तब मैंने पुरोहित शेलेमियाह को, शासक सादोक को और लेवियों में से पेदाइयाह को भंडारों का अधिकारी ठहरा दिया. उनके अलावा मैंने, मत्तनियाह के पोते ज़क्कूर के पुत्र हनान को चुना, क्योंकि ये सभी विश्वासयोग्य पाए गए. इनकी जवाबदारी थी अपने रिश्तेदारों में सामग्री बांटना.
एक संदेश महाराज के बंजर भूमि के पहरेदार आसफ के लिए भी ज़रूरी होगा, कि वह मंदिर के किले के फाटकों की कड़ियों के लिए, शहरपनाह और उस घर के लिए जिसमें मैं रहूंगा, लकड़ी का इंतजाम कर दे.” राजा ने सभी संदेश मुझे दे दिए, क्योंकि मुझ पर परमेश्वर की कृपादृष्टि बनी हुई थी.
मुझसे पहले के राज्यपालों ने तो प्रजा पर भारी बोझ लाद दिया था. वे उनसे उनका भोजन और अंगूरों का रस छीन लिया करते थे, साथ ही चांदी के चालीस शकेल भी; यहां तक कि उनके साथी सेवक तक प्रजा का शोषण किया करते थे. परमेश्वर का भय मानने के कारण मैं ऐसा न कर सका.
उनके लिए मेरा आदेश था, “जब तक सूरज में गर्मी रहे येरूशलेम के फाटक न खोले जाएं और जब तक पहरेदार द्वार पर खड़े ही होंगे, द्वार बंद ही रखे जाएं और उनमें चिटकनी लगी रहे. जो द्वारपाल ठहराए जाएं, वे येरूशलेम के रहनेवाले ही हों; हर एक को अपने-अपने निर्दिष्ट स्थानों पर और शेष अपने घरों के सामने के द्वार पर खड़ा किये जाए.”
उज़ देश में अय्योब नामक एक व्यक्ति थे. वे सीधे, खरे, परमेश्वर के श्रद्धा युक्त तथा बुराई से दूर थे.
पृथ्वी पर मेरी दृष्टि उन्हीं पर रहेगी जो विश्वासयोग्य हैं, कि वे मेरे साथ निवास कर सकें; मेरा सेवक वही होगा, जिसका आचरण निष्कलंक है.
साथ ही तुम इन लोगों में से कुछ ऐसे लोगों को चुन लो—जो सच्चाई से परमेश्वर के भय और श्रद्धा में जीने वाले हों, तथा अन्याय के लाभ से नफरत करते हों. इस प्रकार के व्यक्तियों को अलग करके, लोगों को झुंड में बांटकर, जवाबदारी उनको दे दो, जो हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास तथा दस-दस लोगों का झुंड हो.
इस पर, प्रशासक और प्रधान सरकारी कार्यों में दानिएल के क्रियाकलापों के विरुद्ध दोष लगाने का आधार खोजने लगे, पर वे ऐसा न कर सके. उन्हें उसमें कोई भ्रष्टाचार की बात न मिली, क्योंकि दानिएल विश्वासयोग्य था और वह न तो भ्रष्टाचारी था और न ही वह किसी बात में असावधानी बरतता था.
“कौन है वह विश्वासयोग्य और समझदार सेवक, जिसे घर का मालिक अपने परिवार की ज़िम्मेदारी सौंप दे कि वह समय के अनुसार सबके लिए भोजन-व्यवस्था करे?
“उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, मेरे योग्य तथा विश्वसनीय सेवक! तुम थोड़े धन में विश्वसनीय पाए गए इसलिये मैं तुम्हें अनेक ज़िम्मेदारियां सौंपूंगा. अपने स्वामी के आनंद में सहभागी हो जाओ.’
उन शिक्षाओं को, जो तुमने अनेकों गवाहों की उपस्थिति में मुझसे प्राप्त की हैं, ऐसे विश्वासयोग्य व्यक्तियों को सौंप दो, जिनमें बाकियों को भी शिक्षा देने की क्षमता है.