जब यित्सहाक वृद्ध हो गये थे और उनकी आंखें इतनी कमजोर हो गईं कि वह देख नहीं सकते थे, तब उन्होंने अपने बड़े बेटे एसाव को बुलाया और कहा, “हे मेरे पुत्र.” उन्होंने कहा, “क्या आज्ञा है पिताजी?”
उत्पत्ति 48:10 - सरल हिन्दी बाइबल इस्राएल की आंखें उम्र के कारण कमजोर हो गयीं थीं कि वे देख नहीं सकते थे. योसेफ़ अपने पुत्रों को अपने पिता के पास ले गए. याकोब ने उन्हें चूमा और उन्हें गले लगाया. पवित्र बाइबल इस्राएल बूढ़ा था और उसकी आँखें ठीक नहीं थीं। इसलिए यूसुफ अपने पुत्रों को अपने पिता के निकट ले गया। इस्राएल ने बच्चों को चूमा और गले लगाया। Hindi Holy Bible इस्राएल की आंखे बुढ़ापे के कारण धुन्धली हो गई थीं, यहां तक कि उसे कम सूझता था। तब यूसुफ उन्हें उनके पास ले गया ; और उसने उन्हें चूमकर गले लगा लिया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएल की आँखें वृद्धावस्था के कारण धुंधली हो गई थीं। अत: वह नहीं देख सकते थे। यूसुफ अपने पुत्रों को उनके निकट लाया। इस्राएल ने उनका चुम्बन लिया और उन्हें गले लगाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस्राएल की आँखें बुढ़ापे के कारण धुन्धली हो गई थीं, यहाँ तक कि उसे कम सूझता था। तब यूसुफ उन्हें उनके पास ले गया; और उसने उन्हें चूमकर गले लगा लिया। नवीन हिंदी बाइबल इस्राएल की आँखें बुढ़ापे के कारण इतनी धुँधली हो गई थीं कि उसे ठीक से दिखाई नहीं देता था। तब यूसुफ उन्हें उसके पास ले गया, और उसने उन्हें चूमकर गले लगाया। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस्राएल की आँखें बुढ़ापे के कारण धुन्धली हो गई थीं, यहाँ तक कि उसे कम सूझता था। तब यूसुफ उन्हें उसके पास ले गया; और उसने उन्हें चूमकर गले लगा लिया। |
जब यित्सहाक वृद्ध हो गये थे और उनकी आंखें इतनी कमजोर हो गईं कि वह देख नहीं सकते थे, तब उन्होंने अपने बड़े बेटे एसाव को बुलाया और कहा, “हे मेरे पुत्र.” उन्होंने कहा, “क्या आज्ञा है पिताजी?”
इसलिये याकोब उसके पास गया और उसे चूमा. जब यित्सहाक को उसके कपड़ों से एसाव की गंध आई, इसलिये उसने उसे आशीष देते हुए कहा, “मेरे बेटे की खुशबू याहवेह की आशीष से मैदान में फैल गई है.
बड़े तड़के लाबान उठा, अपने पुत्र-पुत्रियों का चुंबन लिया तथा उन्हें आशीर्वाद दिया. फिर लाबान स्वदेश लौट गया.
फिर योसेफ़ ने अपने सभी भाइयों का चुंबन लिया और उनके साथ रोते रहे; इसके बाद ही उनके भाइयों ने योसेफ़ के साथ बात करना आरंभ किया.
योसेफ़ को देखते हुए इस्राएल ने कहा, “मैंने यह न सोचा था कि तुम्हें फिर से देख पाऊंगा, किंतु परमेश्वर ने मुझे तुम्हारी संतान तक देखने का सौभाग्य दिया.”
एलीशा अपने बैलों को वहीं छोड़ एलियाह के पीछे दौड़े और उन्होंने एलियाह से कहा, “मुझे आज्ञा दीजिए कि मैं अपने पिता और माता का चुंबन ले सकूं; तब लौटकर मैं आपका अनुसरण करूंगा.” एलियाह ने उससे कहा, “जाओ मैं तुम्हें रोक नहीं रहा.”
उस दिन पहरेदार कांपने लगेंगे, बलवान पुरुष झुक जाएंगे, जो पीसते हैं वे काम करना बंद कर देंगे, क्योंकि वे कम हो गए हैं, और जो झरोखों से झांकती हैं वे अंधी हो जाएंगी;
याहवेह का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सकें, न ही वह बहरे हो चुके कि सुन न सकें.
इन लोगों के हृदय कठोर; कान बहरे और आंख से अंधे हैं. कहीं ऐसा न हो कि वे अपनी आंखों से देखकर, अपने कानों से सुनकर, और मन फिराकर मेरे पास आएं, और चंगे हो जाएं.”
हालांकि मोशेह की उम्र मृत्यु के समय एक सौ बीस साल की थी, न तो उनकी आंखें धुंधली हुई थीं और न ही उनके बल में कोई कमी आई थी.
यह वह स्थिति थी, जब एली के आंखों की रोशनी कम हो रही थी; तब वह स्पष्ट देखने में असमर्थ था, उस समय वह अपने कमरे में लेटा हुआ था.
इस समय एली की अवस्था अट्ठानवे वर्ष की थी. उनकी आंखें धुंधली हो चुकी थी और वह देख नहीं सकता था.